सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की गुणवत्ता जांच
सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाले दवाइयां कितनी असरदार और गुणवत्ता कैसी हैं। अब इसकी जांच की जाएगी। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने पूरे प्रदेश में अस्पतालों को आपूर्ति हो रही दवाइयों की गुणवत्ता जांच के आदेश जारी किए हैं।
गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में जांच के लिए नोडल अधिकारी बनाकर जिम्मेदारी सौंपी गई। अपर आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन ताजबर सिंह ने प्रदेश के सभी सरकारी व निजी अस्पतालों में मरीजों को दी जाने वाले दवाइयों की जांच के आदेश दिए। जांच के लिए गढ़वाल मंडल में सहायक आयुक्त सुधीर कुमार व ड्रग्स इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह राणा, कुमाऊं मंडल में सहायक आयुक्त हेमंत सिंह नेगी, ड्रग्स इंस्पेक्टर नीरज कुमार को नोडल अधिकारी नामित किया है। सरकारी अस्पतालों में इलाज करने वाले मरीजों को दवाइयां निशुल्क मिलती है।
जबकि पंजीकृत निजी अस्पतालों में आयुष्मान योजना में मुफ्त इलाज की सुविधा है। सरकार और विभाग के संज्ञान में आया कि अस्पतालों में मरीजों की जाने वाली दवाइयां असरदार नहीं है। जिससे जांच के आदेश दिए गए। अपर आयुक्त ताजबर सिंह ने बताया कि अस्पतालों में आपूर्ति हो रही दवाइयों की गुणवत्ता मानकों पर सही है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। नोडल अधिकारी अपने क्षेत्रों के अस्पतालों में जाकर जांच करेंगे। यदि कोई दवा गुणवत्ता के मानकों पर सही न होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।