श्रीनगर गढ़वाल: SSB भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने का एक और आरोपी गिरफ्तार, गिरोह बनाकर कर रहे थे धांधली
श्रीनगर गढ़वाल: SSB भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने का एक और आरोपी गिरफ्तार, गिरोह बनाकर कर रहे थे धांधलीआरोपी परीक्षा में फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों, फोटो, थम इम्प्रेशन व फर्जी अभ्यर्थी बनकर शामिल हुआ। जिस पर कोतावाली श्रीनगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई।
एसएसबी भर्ती परीक्षा में धांधलेबाजी कर फर्जी तरीके से शामिल होने के एक और आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी पर दूसरे अभ्यर्थी के स्थान पर लिखित परीक्षा में शामिल होने का आरोप है। वह गत अक्तूबर माह में भोपाल में हुई परीक्षा में भी यह कारनामा कर चुका है। पुलिस का कहना है कि भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने में एक गिरोह शामिल है। इसमें दो सदस्यों के नाम और सामने आए हैं। इसमें मामले में जांच जारी है।सशस्त्र सीमा बल नई दिल्ली की ओर से बीते सोमवार को केंद्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र श्रीनगर में वाटर कैरियर(जल वाहक) की परीक्षा में धोखाधड़ी करने वाले अभ्यर्थी के खिलाफ परीक्षा के पीठासीन अधिकारी एवं केंद्रीयकृत प्रशिक्षण केंद्र एसएसबी के कमांडेंट आशीष कुमार ने कोतवाली में तहरीर दी थी। जिसमें कहा गया था कि आरोपी परीक्षा में फर्जी व कूट रचित दस्तावेजों, फोटो, थम इम्प्रेशन व फर्जी अभ्यर्थी बनकर शामिल हुआ।
जिस पर कोतावाली श्रीनगर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई। जांच में आरोप सही पाए जाने पर आरोपी रामबृज (24) निवासी ग्राम बीच का पुरा तहसील व थाना अम्बाह जिला मुरैना मध्य प्रदेश को गिरफ्तार कर लिया गया था।जांच में आरोपी के मोबाइल फोन में विभिन्न विभागों एसएससी, बीएसएफ, आर्मी, सीआईएसएफ एवं अन्य के एडमिट कार्ड और कई किस्म के फोटोग्राफ एवं दस्तावेज भी पाए गए थे। जिसमें किसी गिरोह के होने की संभावना जताई जा रही थी। इस मामले में एसएसपी पौड़ी की ओर सरकारी नौकरियों की भर्ती परीक्षाओं में धांधली कराने वाले मध्य प्रदेश के गिरोह का पर्दाफाश किए जाने के निर्देश दिए गए। इस मामले की जांच में सामने आया कि आरोपी रामबृज व उसका छोटा भाई विकास व अन्य साथी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में उचित रकम लेकर फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरे अभ्यार्थियों की जगह परीक्षा में शामल होकर धोखाधड़ी करते है। पुलिस टीम ने आरोपी विकास को 24 अप्रैल को श्रीनगर से गिरफ्तार किया। जिसे कोर्ट में पेश कर वहां से न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
गिरोह बनाकर कर रहे थे फर्जीवाड़ा
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक सुनीत रावत ने बताया कि रामबृज ने पूछताछ में बताया कि वर्ष 2020 में वह भारतीय सेना की 27 राजपूत रेजीमेंट मे भर्ती हो गया था। उसे मोबाइल पर सट्टा व जुआ खेलने की आदत हो गयी थी। जिस कारण उसके ऊपर काफी लोगों का कर्जा हो गया था। वर्ष 2022 में आर्मी की नौकरी छोड़कर घर आ गया। रामबृज व उसका छोटा भाई विकास अपने साथियों के साथ मिलकर सरकारी नौकरी हेतु विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें शारीरिक व लिखित परीक्षा में पास कराने का ठेका लेते थे।