Char Dham Yatra : आचार संहिता के बीच शुरू होगी चार धाम यात्रा
उत्तराखंड की विश्वविख्यात चार धाम यात्रा का शुभारंभ 10 मई को अक्षय तृतीया के मौके पर गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ होगा। गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद यमुनोत्री धाम और उसके बाद केदारनाथ फिर बद्रीनाथ और अंत में सिखों के सबसे बड़े धार्मिक स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खोले जाएंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यात्रा से संबंधित सभी विभागों की समीक्षा बैठक भी कर चुके हैं और तैयारी का जायजा ले चुके हैं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यात्रा को वह खुद मॉनिटर कर रहे हैं विभागों के साथ लगातार समीक्षा की जा रही हैं जिससे यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर इंतजाम किया जा सके। उन्होंने कहा कि यात्रा में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को सरल और व्यवस्थित यात्रा का अनुभव कराने के लिए सरकार प्रयास कर रही है।
राज्य सरकार के साथ-साथ बद्री केदार मंदिर समिति केदारनाथ और बद्रीनाथ में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए पैदल यात्रा मार्ग को दुरुस्त करने में जुटी हुई है जबकि केदारनाथ धाम में यात्रियों के रहने की व्यवस्था भी की जा रही है पिछले साल हुई यात्रा में श्रद्धालुओं की के सैलाब ने नए रिकार्ड कायम किए थे जिसे देखते हुए इस साल भी उम्मीद की जा रही है कि यात्रा में फिर से नया रिकार्ड कायम होगा। 2023 में हुई यात्रा में 56 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे जिनमे सबसे ज्यादा केदारनाथ धाम में 19 लाख 61 हजार 277, बदरीनत धाम में 18 लाख 25 हजार 132, गंगोत्री में 9 लाख 5 हजार 174, यमुनोत्री में 7 लाख 35 हजार 244 और हेमकुंट साहिब में 1 लाख 77 हजार 463 श्रद्धालुओं ने मत्था टेका था।
बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने कहा कि पिछले दो सालों में चार धाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंचे हैं। साल 2022 में 46 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने चार धाम के दर्शन किए थे जबकि 2023 में यह आंकड़ा 56 लाख तक पहुंच गया है उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल भी यात्रा में नए रिकॉर्ड कायम होंगे इसके लिए प्रदेश सरकार और बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति व्यवस्थाओं को समय पर दुरुस्त करने में जुटी हुई है उन्होंने यह भी कहा कि लोकसभा चुनाव के चलते सरकार और बद्री केदार मंदिर समिति समय से पहले ही सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दे रही है।
वहीं साल 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ धाम में केंद्र सरकार के सहयोग से पुनर्निर्माण कार्य किया जा रहा है जो विपरीत मौसम में भी किया जा रहा है जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। बीकेटीसी अध्यक्ष अजयेंद्र अजय ने के कि केदारनाथ में मौसम काफी खराब रहता है कभी बारिश तो कभी बर्फबारी के चलते पुनर्निर्माण कार्यों में रुकावट होती है बावजूद इसके काम कर रहीं एजेंसियां अपने कार्यों को पूरा करने में जुटी हुई हैं।