कैबिनेट मंत्री की अध्यक्षता में उत्तराखण्ड भाषा संस्थान की साधारण सभा एवं प्रबन्ध कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न
उत्तराखण्ड भाषा संस्थान, देहरादून की साधारण सभा एवं प्रबन्ध कार्यकारिणी की बैठक मंगलवार को सचिवालय में कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। इस बैठक में उत्तराखण्ड की राजभाषा और स्थानीय बोली-भाषाओं के प्रचार-प्रसार और साहित्यिक उन्नति के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक के दौरान कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि के साथ-साथ बुद्धिजीवियों, विद्वानों और साहित्यकारों की कर्मभूमि रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें केवल राजभाषा ही नहीं बल्कि स्थानीय बोली-भाषाओं के प्रचार-प्रसार पर भी कार्य करना होगा। इस संदर्भ में उन्होंने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा साहित्यकारों के लिए लाईफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की।
श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश के प्रसिद्ध साहित्यकारों के गांवों को साहित्य ग्राम के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। यह कदम साहित्य लेखन से जुड़े देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए लाभकारी होगा। इन आदर्श ग्रामों को स्थानीय स्तर पर गठित समितियों के माध्यम से संचालित किया जाएगा। उन्होंने उत्तराखण्ड की स्थानीय भाषाओं में महाकाव्यात्मक लोकगाथाओं आदि का संकलन एवं शोध कार्य करने के लिए एक समिति बनाने के निर्देश भी दिए।
कैबिनेट मंत्री ने उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान के अंतर्गत बाल साहित्य को भी जोड़ने की बात कही। उन्होंने शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उत्तराखण्ड भाषा संस्थान को एससीईआरटी से समन्वय बनाकर स्थानीय बोली-भाषाओं में कहानी, लघुकथा और नाटक आदि को छोटे बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान के अंतर्गत वरिष्ठ साहित्यकारों, जिन्होंने साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है, के लिए सम्मान राशि को एक लाख से बढ़ाकर 1,51,000 रुपये किया जाएगा। साथ ही नवोदित साहित्यकारों को पुस्तक प्रकाशन में भी सहायता प्रदान की जाएगी।
कैबिनेट मंत्री ने विभाग की नियमावली एवं ढांचे को शीघ्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भाषा संस्थान द्वारा दिए जाने वाले पुरस्कार और सम्मान की नियमावली शीघ्र तैयार की जाए। बैठक के दौरान 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के अवसर पर उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षा परिषद्, उत्तराखण्ड मदरसा बोर्ड और उत्तराखण्ड संस्कृत अकादमी के प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित किए जाने के प्रस्ताव पर सहमति दी गई।
इस महत्वपूर्ण बैठक में सचिव श्री दिलीप जावलकर, श्री विनोद रतूड़ी, निदेशक उत्तराखण्ड भाषा संस्थान श्रीमती स्वाति भदौरिया, दून विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. सुरेखा डंगवाल, उत्तराखण्ड संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री, श्री नरेन्द्र सिंह नेगी, डॉ. सुधारानी पाण्डेय, डॉ. हरिसुमन बिष्ट, प्रो. देव सिंह पोखरिया, प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी, प्रो. मृदुला जुगरान, डॉ. हयात सिंह रावत और श्री कौस्तुभानंद चंदोला सहित प्रबन्ध कार्यकारिणी के अन्य वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में लिए गए निर्णयों से स्पष्ट है कि उत्तराखण्ड भाषा संस्थान प्रदेश की साहित्यिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने और संवारने के लिए प्रतिबद्ध है। संस्थान द्वारा किए जा रहे प्रयासों से न केवल राजभाषा बल्कि स्थानीय बोली-भाषाओं को भी नया जीवन मिलेगा। कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड की साहित्यिक परंपराओं को संजोने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए यह महत्वपूर्ण कदम है।