उत्तराखंड एसटीएफ द्वारा साईबर धोखाधड़ी के सरगना की गिरफ़्तारी
29 जून 2024 को उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के साईबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र पुलिस ने एक प्रमुख साईबर धोखाधड़ी मामले में सफलता प्राप्त की। साईबर अपराधों के इस मामले में दिल्ली से गिरफ्तार किए गए अभियुक्त ने सोशल मीडिया साइट्स के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग का फर्जी कारोबार चला रखा था। अभियुक्त ने ‘Eltasfund’ नामक एप्लिकेशन का उपयोग करके कई लोगों से लाखों रुपये की धोखाधड़ी की।
अभियुक्त सोशल मीडिया विज्ञापनों के जरिए लोगों को आकर्षित करता था, जहां वह ऑनलाइन ट्रेडिंग में अधिक मुनाफे का वादा करता था। ‘Eltasfund’ एप्लिकेशन डाउनलोड कराकर, पीड़ितों को उनके डैशबोर्ड पर अधिक मुनाफे के साथ धनराशि दिखायी जाती थी। इस प्रकार, अभियुक्त ने लोगों को लाखों रुपये की धोखाधड़ी की।
जांच के दौरान यह पाया गया कि अभियुक्त साइबर धोखाधड़ी के लिए दूसरों की आईडी से निकाले गए कई सिमकार्ड्स और धनराशि बैंक खातों का उपयोग कर रहा था। इसके साथ ही, उसने फर्जी कम्पनियों के दस्तावेज बनाकर बैंक खाते खोले थे। यह भी पता चला कि अभियुक्त ने 1.4 करोड़ रुपये से अधिक की संदिग्ध धनराशि का लेन-देन किया था।
अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते के 01 मोबाइल फोन, 06 चैक बुक, 06 पासबुक, बैंक चैक, 06 डेबिट कार्ड, विभिन्न कम्पनी के 33 सिम कार्ड, फर्जी मुहर और पेमेन्ट हेतु प्रयुक्त QR स्केनर (बेवेक्स बॉक्स) आदि सामान बरामद किए गए हैं।
नैनीताल निवासी एक व्यक्ति ने दिनांक 18 जून 2024 को शिकायत दर्ज करायी थी जिसमें उन्होंने बताया कि एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर उन्हें स्टॉक इन्वेस्टमेंट में अधिक पैसा कमाने का लालच दिया गया था। इसके बाद, उन्हें ‘Eltasfund’ एप्लिकेशन डाउनलोड कर निवेश करने के लिए कहा गया। इस एप्लिकेशन के माध्यम से लगभग 90 लाख रुपये की धनराशि धोखाधड़ी से जमा कराई गई।
साईबर अपराधियों ने नए जारी होने वाले शेयर में अधिक मुनाफे का वादा किया और इस निवेश पर पीड़ित को कुछ ही दिनों में 90 लाख रुपये की धनराशि को मुनाफे सहित 2 करोड़ रुपये की धनराशि उनके डैशबोर्ड में प्रदर्शित की।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 द्वारा विवेचना प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राईम श्री अरूण कुमार को इस मामले की जाँच सौंपी गई। साईबर क्राईम पुलिस ने घटना में प्रयुक्त बैंक खातों, मोबाइल नंबर, जीमेल और व्हाट्सएप की जानकारी संबंधित बैंकों, सर्विस प्रदाता कंपनियों, मेटा और गूगल से प्राप्त की।
प्राप्त डेटा के विश्लेषण से पता चला कि साईबर अपराधियों ने दूसरों के नाम से आवंटित मोबाइल सिम कार्ड और बैंक खातों का उपयोग किया है। ये खाते दिल्ली, गुजरात, कोलकाता, हरियाणा और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के विभिन्न बैंक खातों में धोखाधड़ी से धनराशि प्राप्त की गई थी।
विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम ने अभियोग में प्रकाश में आए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया। यह पाया गया कि बैंक खाते और सिम फर्जी आईडी पर संचालित हो रहे थे। पुलिस टीम ने तकनीकी और डिजिटल साक्ष्य एकत्र करने पर पाया कि अभियुक्त ने ‘भवति का हेल्थ केयर प्रा0 लि0’ नाम से रजिस्टर्ड फर्म संचालित कर स्थानीय लोगों को इलाज हेतु नर्सिग स्टाफ उपलब्ध कराने की आड़ में ट्रेडिंग का धंधा किया था।
अभियुक्त को वार्ड नं0 02 अग्रवाल मण्डी टटीरी देहात थाना व जनपद बागपत उ0प्र0 हाल निवासी खसरा नम्बर 23/6 ए ब्लाक राधा कृष्ण मन्दिर रोड स्वरूपनगर दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तारी पुलिस टीम
1. SHO श्री अरूण कुमार
2. उ0नि0 दिनेश पन्त
3. अपर उपनिरीक्षक श्री सत्येन्द्र गंगोला
4. हे0का0 मनोज कुमार
5. हे0का0 सोनू पाण्डे
6. का0 मो0 उस्मान
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो, फर्जी साइट, धनराशि दोगुना करने और टिकट बुक करने वाले अज्ञात अवसरों के प्रलोभन में न आएं। साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे Youtube लाइक सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें।
अज्ञात कॉल्स से बचने और किसी भी प्रकार की सूचना या दस्तावेज न देने की सलाह दी जाती है। ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई करने से पहले साइट का पूर्ण वैरीफिकेशन करें। वित्तीय साइबर अपराध होने पर तुरंत 1930 नम्बर पर संपर्क करें।
इस प्रकार, उत्तराखण्ड एसटीएफ ने साईबर अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करते हुए साईबर पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।