उत्तराखंड

उत्तराखंड पुनर्गठन: लंबित परिसंपत्तियों के बंटवारे पर वित्त मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल की बैठक

 

उत्तराखंड के वित्त मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने विधान सभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में पुनर्गठन विभाग के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण विभागीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड राज्य के गठन के 24 साल बाद भी कुछ संपत्तियों के बंटवारे के लंबित मामलों पर चर्चा करना था।

 

वित्त मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने बैठक की शुरुआत में कहा कि उत्तर प्रदेश राज्य से अलग होकर उत्तराखंड राज्य के रूप में स्थापित हुए अब 24 साल हो चुके हैं। इसके बावजूद, कुछ संपत्तियों का बंटवारा अभी भी शेष है। उन्होंने कहा कि पुनर्गठन विभाग लगातार इन लंबित मुद्दों पर कार्य कर रहा है। मंत्री ने बताया कि कई मुद्दों का समाधान कर लिया गया है, जबकि कुछ मुद्दे अभी भी लंबित हैं और उन पर कार्यवाही जारी है।

 

बैठक के दौरान, हरिद्वार में उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की 697 हेक्टेयर भूमि के उपयोग पर भी चर्चा की गई। यह सहमति बनी कि इस भूमि का उपयोग कुम्भ मेला या अन्य आयोजनों के लिए किया जा सकेगा। हरिद्वार और उद्यमसिंह नगर की कुल 24 नहरों का हस्तांतरण उत्तराखंड सरकार को कर दिया गया है। इसके अलावा, हरिद्वार स्थित गंग नहर में स्पोर्ट्स गतिविधियों को भी बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ सहमति बनी है।

 

डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने कहा कि लंबित परिसंपत्तियों के बंटवारे के लिए ऊर्जा विभाग, सिंचाई विभाग और वन विभाग के साथ आगामी कुछ दिनों में एक संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर उत्तर प्रदेश सरकार के संबंधित विभागों से भी इस विषय पर चर्चा की जाएगी और आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।

 

इस महत्वपूर्ण बैठक में पुनर्गठन विभाग के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल, संयुक्त सचिव देवेन्द्र सिंह और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा किए और समस्याओं के समाधान के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए।

 

इस बैठक ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड राज्य के पुनर्गठन के दौरान लंबित संपत्तियों का बंटवारा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिस पर लगातार ध्यान देने की आवश्यकता है। वित्त मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने इस दिशा में चल रहे प्रयासों को गति देने का संकल्प लिया है और यह सुनिश्चित किया है कि सभी लंबित मुद्दों का समाधान शीघ्र किया जाएगा। पुनर्गठन विभाग के अधिकारियों के सहयोग से इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, जो राज्य की विकास यात्रा को और सुदृढ़ बनाएंगे।

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