उत्तराखंड

गोविंद राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव विहार में पर्यावरण संरक्षण की अनूठी पहल

 

पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए गोविंद राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव विहार के केदारकंठा और हरकीदून से एकत्रित किए गए 2500 किलो प्लास्टिक कचरे को देहरादून स्थित हर्रावाला केंद्र से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ समीर सिन्हा की उपस्थिति में इस महत्वपूर्ण पहल का शुभारंभ हुआ।

 

समीर सिन्हा ने इस अवसर पर कहा कि यह पहल पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक कचरे का सही तरीके से निस्तारण पर्यावरण के लिए आवश्यक है और हम सभी को इस दिशा में योगदान देना चाहिए। प्लास्टिक कचरा न केवल हमारे वन्य जीवों के लिए खतरा है, बल्कि यह हमारी प्राकृतिक संपदाओं को भी नुकसान पहुंचाता है। इसलिए, इसका सही निस्तारण और पुनर्चक्रण अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

केदारकंठा और हरकीदून, जोकि ट्रेकिंग और पर्यटन के लिए प्रसिद्ध हैं, वहां पर प्रतिवर्ष भारी संख्या में पर्यटक आते हैं। इससे उत्पन्न होने वाले प्लास्टिक कचरे की मात्रा भी अधिक होती है। इन क्षेत्रों से 2500 किलो प्लास्टिक कचरे का संग्रहण करना और उसे पुनर्चक्रण के लिए भेजना एक सराहनीय कदम है। यह पहल न केवल इन पर्यटन स्थलों की स्वच्छता सुनिश्चित करेगी, बल्कि पर्यटकों में भी जागरूकता फैलाएगी।

 

देहरादून स्थित हर्रावाला केंद्र से इस प्लास्टिक कचरे को पुनर्चक्रण के लिए रवाना किया गया। यह केंद्र पुनर्चक्रण की आधुनिक तकनीकों से लैस है और यहां पर प्लास्टिक कचरे का सही तरीके से निस्तारण किया जाता है। इस केंद्र के माध्यम से प्लास्टिक कचरे को पुनर्चक्रण प्रक्रिया से गुजार कर उसे उपयोगी उत्पादों में बदला जाएगा।

 

इस मौके पर समीर सिन्हा ने कहा कि “पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता की दिशा में हम सभी को मिलकर काम करना होगा। प्लास्टिक कचरे का सही निस्तारण न केवल हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखेगा, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी होगा। हम सभी को अपने दैनिक जीवन में भी प्लास्टिक के उपयोग को कम करना चाहिए और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देना चाहिए।”

 

इस प्रकार की पहल केवल सरकारी प्रयासों से सफल नहीं हो सकती। इसके लिए स्थानीय समुदायों, पर्यटकों और स्वयंसेवी संगठनों की सक्रिय सहभागिता भी आवश्यक है। इस पहल के माध्यम से स्थानीय लोगों और पर्यटकों में प्लास्टिक कचरे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और वे अपने स्तर पर भी स्वच्छता बनाए रखने में योगदान देंगे।

 

गोविंद राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्यजीव विहार में प्लास्टिक कचरे का संग्रहण और उसका सही निस्तारण एक सराहनीय कदम है। यह पहल अन्य पर्यटन स्थलों के लिए भी एक मिसाल है। हमें उम्मीद है कि इस प्रकार की पहलों से पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता की दिशा में सकारात्मक परिवर्तन आएगा और हमारा पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *