उत्तराखंड

चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री धामी की महत्त्वपूर्ण पहल

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में जनपद चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने के लिए बनाई जा रही कार्ययोजना और वर्तमान में चल रहे कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड को आदर्श राज्य बनाने की दिशा में चम्पावत को मॉडल जनपद के रूप में लिया जा रहा है। चम्पावत जनपद में मैदान, तराई, भाबर और पर्वतीय क्षेत्र शामिल हैं, जो इसे राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप एक अद्वितीय जनपद बनाता है।

 

 

मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आदर्श जनपद चम्पावत के लिए बनाई जा रही कार्य योजना पर तेजी से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि विकास के साथ-साथ हमारी विरासत को भी आगे बढ़ाना है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि विकास कार्यों में पारिस्थितिकी और पर्यावरण का समन्वय बनाकर कार्य करें। यह सुनिश्चित करें कि प्रकृति द्वारा हमें प्रदान की गई विरासतों का संरक्षण करते हुए विकास कार्य किए जाएं। मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि बनाई गई कार्ययोजना के अनुसार कार्यों को धरातल पर तेजी से उतारा जाए और चरणबद्ध तरीके से कार्यों में तेजी लाई जाए ताकि कार्यों के परिणाम जल्द धरातल पर दिखें।

 

 

 

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आदर्श चम्पावत के लिए नोडल अधिकारी जनपद के अधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं के साथ नियमित बैठकें करें। साथ ही, स्थानीय स्तर पर लोगों के सुझाव भी लिए जाएं ताकि बेहतर कार्य किए जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद में धार्मिक, आध्यात्मिक और साहसिक पर्यटन के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। चम्पावत जनपद में आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा के दृष्टिगत तीन से चार दिन की यात्रा के लिए सर्किट बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि पूर्णागिरी में श्रद्धालुओं की संख्या काफी अधिक रहती है, इसलिए उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

 

 

मुख्यमंत्री ने शारदा कॉरिडोर और चम्पावत के आईएसबीटी को भी विस्तारित करने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि निर्माण संबंधित कार्यों में पारिस्थतिकी से संबंधित पहलुओं का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि चम्पावत जनपद में पर्यटन, कृषि और बागवानी, हेल्थकेयर, शिक्षा, दुग्ध और उससे संबंधित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है।

 

 

 

मुख्यमंत्री ने बताया कि चम्पावत को आदर्श जनपद बनाने के लिए 2030 तक के लिए लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। जनपद में कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, एडवेंचर टूरिज्म को बढ़ावा देने, डेस्टिनेशन वेडिंग हब बनाने, किवी और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किए जा रहे हैं। इन योजनाओं से स्थानीय लोगों की आर्थिकी को तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी।

 

 

 

जिलाधिकारी चम्पावत श्री नवनीत पाण्डेय ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ जनपद में प्रत्येक पात्र व्यक्ति को मिले, इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। चम्पावत जनपद में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं और इस दिशा में विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में पलायन बढ़ रहा है, इसको ध्यान में रखते हुए टाउन प्लानिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

 

 

 

बैठक में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के. सुधांशु, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री एस.एन. पाण्डेय, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत, अपर सचिव श्री जगदीश चन्द्र कांडपाल एवं कार्यदायी संस्थाओं के अधिकारी उपस्थित थे।

 

मुख्यमंत्री धामी की यह पहल न केवल चम्पावत जनपद के विकास को नई दिशा देगी, बल्कि इसे आदर्श जनपद बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। यह कार्ययोजना न केवल वर्तमान बल्कि आने वाले भविष्य के लिए भी जनपद चम्पावत के विकास को सुनिश्चित करेगी।

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