हरिद्वार में शिवभक्तों का स्वागत और सीएम धामी का अभिनव सत्कार
कांवड़ यात्रा के पावन अवसर पर उत्तराखंड के हरिद्वार में देशभर से आए शिवभक्तों का एक विशाल जमावड़ा देखने को मिला। भक्तजन गंगा जल लेने और भगवान शिव को अर्पित करने के लिए हरिद्वार पहुंचे हैं। इस धार्मिक यात्रा के दौरान, हरिद्वार की पवित्रता और श्रद्धालुओं की आस्था को सलाम करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिवभक्तों का स्वागत एक अनोखे तरीके से किया।
मुख्यमंत्री धामी ने मंगलवार को हरिद्वार में शिवभक्तों का दिल से स्वागत किया। इस अवसर पर उन्होंने कांवड़ियों के पैर धोकर उनका सत्कार किया, जो भारतीय परंपरा में अतिथि देवो भवः की भावना का जीवंत उदाहरण है। सीएम धामी ने अपने इस अद्वितीय कार्य से यह संदेश दिया कि कांवड़िये हमारे समाज का अभिन्न अंग हैं और उनकी सेवा एवं सम्मान हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
कांवड़ियों के स्वागत समारोह को और भी खास बनाने के लिए प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की व्यवस्था की थी। जब हेलीकॉप्टर से गुलाब और अन्य पुष्पों की वर्षा कांवड़ियों पर की गई, तो यह दृश्य अत्यंत मनमोहक और आनंददायक था। भक्तगण इस अप्रत्याशित सम्मान से भावुक हो उठे और हरिद्वार का आकाश जय भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठा।
कांवड़ यात्रा उत्तर भारत की एक प्रमुख धार्मिक यात्रा है, जिसमें लाखों की संख्या में शिवभक्त हरिद्वार, गौमुख, और गंगोत्री से गंगा जल लाने के लिए पैदल यात्रा करते हैं। इस जल को वे अपने नजदीकी शिवालयों में जाकर भगवान शिव को अर्पित करते हैं। यह यात्रा धार्मिक आस्था, श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक है। हरिद्वार, जिसे देवभूमि कहा जाता है, इस यात्रा का प्रमुख केंद्र है।
कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएँ की हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। सड़कों की साफ-सफाई, पेयजल की व्यवस्था, मेडिकल कैंप और पुलिस बल की तैनाती जैसी व्यवस्थाओं का खास ख्याल रखा गया है। इसके अलावा, कांवड़ियों के ठहरने के लिए भी कई स्थलों पर शिविर लगाए गए हैं, जहां उन्हें सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
सीएम धामी ने इस अवसर पर कहा, “कांवड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। कांवड़ियों की सेवा करना हमारे लिए गर्व की बात है। हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि उनकी यात्रा सुखद और सुरक्षित हो।” उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि वे यात्रा के दौरान स्वच्छता और अनुशासन का पालन करें और प्रशासन का सहयोग करें।
कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार के स्थानीय व्यापारी भी भक्तों की सेवा में जुटे रहते हैं। खाने-पीने की वस्तुएं, धार्मिक सामग्री और ठहरने की जगह उपलब्ध कराने में वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्थानीय लोगों का सहयोग और समर्थन इस यात्रा को और भी सफल बनाता है।
कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालु हरिद्वार में पवित्र गंगा में स्नान कर गंगा जल भरते हैं और पूरे रास्ते भगवान शिव का नाम जपते हुए यात्रा करते हैं। उनका यह समर्पण और भक्ति अनुकरणीय है। हरिद्वार में पहुंचने वाले भक्तों ने मुख्यमंत्री धामी के इस सत्कार से अत्यंत प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह उनके जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव है।
कांवड़ यात्रा का यह उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का जीवंत उदाहरण भी है। मुख्यमंत्री धामी द्वारा कांवड़ियों के पैर धोकर उनका स्वागत करना और हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा करवाना इस यात्रा को और भी यादगार बना देता है। हरिद्वार का वातावरण श्रद्धा, भक्ति और उल्लास से भरपूर है, और यह सब मिलकर एक अद्वितीय धार्मिक अनुभव का सृजन करते हैं।