सरकारी कार्यों में ई-ऑफिस की भूमिका और अन्य विकास योजनाएँ
बृहस्पतिवार को उत्तराखण्ड सचिवालय में अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई और भविष्य की कार्यवाहियों पर विचार-विमर्श किया गया। बैठक में अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर प्रस्तुतीकरण दिया और अपनी योजनाओं और प्रगति की जानकारी दी।
अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने सरकारी कार्यालयों में ई-ऑफिस प्रणाली के क्रियान्वयन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक सरकारी कार्य ई-ऑफिस के माध्यम से ही किए जाएँ ताकि कार्य में पारदर्शिता और गति बढ़ सके। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए। ई-ऑफिस के माध्यम से कार्यप्रणाली को डिजिटल बनाने का यह प्रयास सरकारी कार्यों में पारदर्शिता, जवाबदेही और दक्षता को बढ़ावा देगा।
पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों में हवाई सेवा के विकास पर जोर देते हुए अपर मुख्य सचिव ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा को सभी जनपदों में सैचुरेशन करने का लक्ष्य रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है और जल्द ही सभी महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ने की योजना है। यह पहल न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगी बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।
प्रदेश में असुरक्षित पुलों की स्थिति पर चर्चा करते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि 94 असुरक्षित पुलों में से 34 का जीर्णोद्धार/नवीनीकरण किया जा चुका है। शेष पुलों का कार्य भी शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया गया। इसके अलावा, झूला पुलों के निर्माण की प्रक्रिया भी तेजी से चल रही है और 15 झूला पुलों का इस्टीमेट तैयार कर लिया गया है।
सड़कों की सुरक्षा के लिए क्रैश बैरियर के निर्माण पर चर्चा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि जितने भी क्रैश बैरियर चिह्नित किए गए हैं, उन्हें इस वर्ष पूर्ण कर लिया जाएगा। यह कदम सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में फर्नीचर की स्थिति पर चर्चा करते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि फर्नीचर के लिए बजट स्वीकृत हो चुका है और शीघ्र ही विद्यालयों में फर्नीचर की आपूर्ति कर दी जाएगी। इसके अलावा, शासकीय स्कूलों में सोलर प्लांट की स्थापना की योजना भी तेजी से प्रगति कर रही है। वर्ष 2022-23 में 12 मेगावाट के सोलर प्लांट लगाए जा चुके हैं और इस वर्ष 2074 स्कूलों में 15.5 मेगावाट के सोलर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य है।
बैठक में भू-अभिलेख और अन्य शासकीय अभिलेखों के डिजिटलीकरण पर भी चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्य प्रगति पर है और अगले दो वर्षों में इसे पूर्ण कर लिया जाएगा। इस कदम से भू-अभिलेखों की सुरक्षा, पहुंच और प्रबंधन में सुधार होगा।
कृषि, उद्यान और वन विभाग के अंतर्गत बायो-फैन्सिंग सैचुरेशन पर भी चर्चा की गई। अधिकारियों ने बताया कि बायो-फैन्सिंग के लिए आवश्यक पेड़-पौधों की प्रजातियों का विवरण तैयार किया जा रहा है। इससे वन्यजीवों से खेती की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।
अपर मुख्य सचिव ने प्रदेश के 13 इम्प्लाइमेंट केन्द्रों को स्वरोजगार केन्द्रों के रूप में विकसित करने पर जोर दिया। इन केन्द्रों में लाइब्रेरी, वीडियो कांफ्रेंसिंग जैसी सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी। इससे युवाओं को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे और उनकी उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा।
बैठक में पंचायत भवनों और पुस्तकालयों के निर्माण पर भी चर्चा हुई। इस वर्ष 250 पंचायत भवनों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा, पुस्तकालयों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण पर भी जोर दिया गया। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और ज्ञान के प्रसार को बढ़ावा मिलेगा।
प्रत्येक जिले में थीम बेस्ड विज्ञान और नवाचार केन्द्रों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण पर भी बैठक में चर्चा की गई। इन केन्द्रों से छात्रों और शोधकर्ताओं को विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में प्रोत्साहन मिलेगा।
बैठक में इण्डोर और ओपन स्टेडियम की स्थापना पर भी चर्चा की गई। इन स्टेडियमों से खेल और शारीरिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को अपनी खेल प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलेगा।
जनपद मुख्यालयों में आडिटोरियम/संस्कृति केन्द्रों की स्थापना और सुदृढ़ीकरण पर भी बैठक में चर्चा की गई। इससे सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलेगा और समाज में सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ेगी।
बैठक में अधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी और उनके क्रियान्वयन की प्रगति पर चर्चा की। अपर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपनी-अपनी योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करें और कार्य में पारदर्शिता और दक्षता बनाए रखें।
यह बैठक विभिन्न विकास योजनाओं और परियोजनाओं के क्रियान्वयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और तेजी आएगी, बल्कि प्रदेश के समग्र विकास को भी गति मिलेगी। समाज के हर वर्ग को इन योजनाओं का लाभ मिलेगा और राज्य की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होगा।