निर्माणाधीन ग्रीन बिल्डिंग साइट पर पहुंचे मंत्री अग्रवाल, दीवार गिरने के मामले की जांच के लिए मेटेरियल का सैंपल भरा
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत निर्माणाधीन ग्रीन बिल्डिंग के कार्यों का निरीक्षण करने के लिए आज विभागीय मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने साइट का दौरा किया। इस दौरे का मुख्य उद्देश्य हाल ही में गिरी दीवार की जांच और मेटेरियल की गुणवत्ता की पुष्टि करना था। डॉ. अग्रवाल ने मौके पर मेटेरियल के सैंपल भरवाकर टेस्टिंग के लिए भेजने का निर्देश दिया और अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे निर्माण कार्य की निगरानी के लिए साइट पर तैनात रहें।
डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल के दौरे का प्रमुख कारण हाल ही में गिरी हुई दीवार का निरीक्षण करना था। इस घटना ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता और सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए थे। मंत्री जी ने मौके से मेटेरियल के सैंपल भरवाए ताकि निर्माण में इस्तेमाल किए जा रहे सामग्रियों की जांच की जा सके। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निर्माण में किसी भी प्रकार की निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग न हो।
डॉ. अग्रवाल ने अधिकारियों से निर्माण कार्य की प्रगति की जानकारी ली। मौजूदा अधिकारियों ने बताया कि नवंबर 2025 तक ग्रीन बिल्डिंग का कार्य पूर्ण करने का लक्ष्य है और 80 प्रतिशत बेसमेंट की खुदाई का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। डॉ. अग्रवाल ने इस बात पर जोर दिया कि समय सीमा के भीतर और उच्च गुणवत्ता के साथ काम पूरा होना चाहिए।
डॉ. अग्रवाल ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपनी-अपनी ड्यूटी साइट पर निभाएं। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक अधिकारी की स्थायी तैनाती से एजेंसी अपना कार्य सुचारू रूप से, तय समय में और उच्च गुणवत्ता के साथ कर सकेगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो और भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न घटें।
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि लगभग 204 करोड़ रूपए की लागत से इस ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण हो रहा है। इस प्रोजेक्ट में जी प्लस टू प्लस सिक्स की संरचना बनाई जाएगी और इसे 18 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है। ग्रीन बिल्डिंग में 80 विभागों को एक ही छत के नीचे स्थानांतरित किया जाएगा। इससे न केवल जनता को बल्कि अधिकारियों को भी कार्य करने में सुविधा होगी। यह परियोजना प्रशासनिक कार्यों को सरल और सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।