उत्तराखंड

जल शक्ति अभियान – कैच द रेन: उत्तराखंड में जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल

भारत सरकार के कैबिनेट सेक्रेटरी की जल शक्ति अभियान – कैच द रेन से संबंधित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में उत्तराखंड की मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य के वन क्षेत्रों में स्थित जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण हेतु सरकारी विभागों को अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया है। इस पहल का उद्देश्य जल संरक्षण एवं जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए ठोस कदम उठाना है।

 

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जानकारी दी कि उत्तराखंड में राज्य स्तरीय स्प्रिंग एंड रिवर रीजुविनेशन प्राधिकरण (SARRA) के माध्यम से जल संरक्षण एवं जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है। जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत कैच द रेन, जल संरक्षण अभियान, अमृत सरोवर और हरेला कार्यक्रम के माध्यम से राज्य में जल संरक्षण, सम्भरण एवं जल संवर्द्धन हेतु कार्य किए जा रहे हैं।

 

क्रिटिकल सूख रहे जल स्रोतों, सहायक नदियों और धाराओं का चिन्हीकरण किया गया है। इनके संग्रहण क्षेत्रों की पहचान की गई है और ग्राम स्तर पर जल स्रोतों को चिन्हित कर उनके उपचार क्षेत्र में जल संभरण गतिविधियों के निर्देश दिए गए हैं। विकासखंड स्तर पर न्यूनतम 10 क्रिटिकल सूख रहे जल स्रोतों तथा जनपद स्तर पर न्यूनतम 20 सहायक नदियों/धाराओं के उपचार को जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत प्रस्तावित किया गया है।

बैठक में जानकारी दी गई कि पेयजल निगम द्वारा 78 क्रिटिकल जलस्रोत चिन्हित किए गए हैं। जन संस्थान द्वारा 415 क्रिटिकल जल स्रोत चिन्हित किए गए हैं। विभिन्न जनपदों में कुल 250 सहायक नदियां/धाराएं उपचार हेतु चिन्हित की गई हैं। जल संरक्षण अभियान 2024 के तहत ग्राम स्तर पर 4658 जल स्रोतों के उपचार क्षेत्र में जल संभरण गतिविधियों, विकासखंड स्तर पर 770 क्रिटिकल सूख रहे जल स्रोतों के उपचार गतिविधियों तथा जनपद स्तर पर 228 सहायक नदियों/धाराओं में उपचार गतिविधियों के संचालन का लक्ष्य है। इस प्रकार उपचार हेतु कुल चिन्हित जल स्रोतों की संख्या 5428 है।

बैठक में जानकारी दी गई कि जल संरक्षण अभियान की गतिविधियों के मूल्यांकन एवं अनुश्रवण हेतु जल संरक्षण एप एवं डैशबोर्ड भी बनाया गया है। इससे समस्त चिन्हित जल स्रोतों एवं उपचार गतिविधियों को जियो टैग किया जा रहा है। यह एप और डैशबोर्ड जल संरक्षण गतिविधियों की निगरानी और मूल्यांकन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

 

शहरी क्षेत्रों में भू-जल रिचार्ज एवं जल संरक्षण गतिविधियों के तहत विभिन्न राजकीय कार्यालयों, संस्थानों, विद्यालयों के परिसर एवं होटल व धर्मशालाओं में भू-जल रिचार्ज करने हेतु रिचार्ज शॉफट निर्मित किए जाने प्रस्तावित हैं।

 

देहरादून शहर में 260 रिचार्ज शॉफ्ट/बोरवेल सरकारी संस्थानों एवं विद्यालयों की परिसर में 15 जुलाई 2024 तक निर्मित किए जाने प्रस्तावित हैं। इसके अतिरिक्त 30 बड़ी आवासीय कॉलोनियों में रिचार्ज शॉफ्ट/बोरवेल बनाए जाने प्रस्तावित हैं।

 

हरिद्वार शहर में 110 रिचार्ज शॉफ्ट/बोरवेल सरकारी संस्थानों एवं विद्यालयों की परिसर में 15 जुलाई 2024 तक निर्मित किए जाने प्रस्तावित हैं।

हल्द्वानी शहर में 80 रिचार्ज शॉफ्ट/बोरवेल सरकारी संस्थानों एवं विद्यालयों की परिसर में 15 जुलाई 2024 तक निर्मित किए जाने प्रस्तावित हैं। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड, देहरादून द्वारा उक्त तीनों शहरों के भू-जल को रिचार्ज करने हेतु तकनीकी सहयोग प्रदान किया जाएगा।

 

इस बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री आनंद वर्धन, सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार एवं अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे। यह बैठक जल संरक्षण अभियान के तहत उत्तराखंड में जल संरक्षण की दिशा में उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा एवं समीक्षा करने के लिए आयोजित की गई थी।

 

उत्तराखंड में जल संरक्षण और जलस्रोतों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयास सराहनीय हैं। राज्य सरकार और विभिन्न विभागों के समन्वय से जल संरक्षण अभियान 2024 को सफल बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। यह पहल न केवल राज्य के जल संसाधनों को संरक्षित करेगी बल्कि भविष्य में जल संकट से निपटने में भी मददगार साबित होगी। जल शक्ति अभियान – कैच द रेन के तहत किए जा रहे ये प्रयास उत्तराखंड को जल संरक्षण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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