मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से शुक्रवार को सचिवालय में आईटीबीपी महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने की मुलाकात
उत्तराखंड के मुख्य सचिवालय में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी और आईटीबीपी महानिरीक्षक श्री संजय गुंज्याल ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य बॉर्डर आउटपोस्ट की समस्याओं पर चर्चा करना और उनके समाधान हेतु आवश्यक कदम उठाना था।
आईजी श्री संजय गुंज्याल ने बैठक में बॉर्डर आउटपोस्ट की विभिन्न समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली जैसे सीमांत जनपदों में वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को लेकर उन्होंने चिंता व्यक्त की। उन्होंने मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि इन जिलों के जिलाधिकारियों से शीघ्र अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्रदान करने के लिए निर्देशित किया जाए, ताकि वन भूमि हस्तांतरण के प्रकरणों का त्वरित निस्तारण हो सके।
मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने आईटीबीपी को राज्य सरकार की ओर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि सीमांत क्षेत्रों में सुरक्षा के साथ-साथ विकास कार्यों को भी प्राथमिकता दी जाएगी। श्रीमती रतूड़ी ने आईटीबीपी के चिकित्सकों द्वारा बॉर्डर के ग्रामों में निवासरत स्थानीय नागरिकों को स्वास्थ्य चिकित्सा सुविधा देने पर सहमति जताई। इससे सीमांत क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।
बैठक में विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को स्वास्थ्य सुविधाएं देने पर जोर दिया गया। दुर्गम इलाकों में टेलीमेडिसिन के माध्यम से हेल्थ केयर सेवाओं को जोड़ने के लिए भी चर्चा की गई। आईजी श्री संजय गुंज्याल ने बताया कि आईटीबीपी ने टेलीमेडिसिन के माध्यम से दुर्गम क्षेत्रों में चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने की पहल की है, जिससे स्थानीय निवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकेंगी।
आईटीबीपी महानिरीक्षक ने जानकारी दी कि आईटीबीपी स्थानीय किसानों से प्रोक्योरमेंट करने का भी प्रयास कर रही है। इससे न केवल किसानों को आर्थिक लाभ मिलेगा, बल्कि स्थानीय उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। इस कदम से सीमांत क्षेत्रों की आर्थिकी में सुधार होगा और किसानों का मनोबल भी बढ़ेगा।
यह बैठक सीमा सुरक्षा और सामुदायिक सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। आईटीबीपी और राज्य सरकार के बीच समन्वय से सीमांत क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान संभव हो सकेगा। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी और आईजी श्री संजय गुंज्याल के नेतृत्व में यह प्रयास सीमांत क्षेत्रों के विकास और सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
सीमांत जनपदों में स्वास्थ्य सेवाओं, वन भूमि हस्तांतरण, और स्थानीय किसानों के सहयोग जैसे मुद्दों पर उठाए गए कदमों से न केवल सुरक्षा बलों की कार्यक्षमता में सुधार होगा, बल्कि सीमांत क्षेत्रों के निवासियों का जीवन स्तर भी बेहतर होगा। यह बैठक आईटीबीपी और राज्य सरकार के बीच एक सकारात्मक सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।