गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की अध्यक्षता में आहूत समीक्षा बैठक में पारित किये गये निर्देश
देहरादून: मा0 मंत्री, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, पशु पालन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य पालन, प्रोटोकॉल, कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग की अध्यक्षता में आज दिनांक 13 जून, 2024 को सांय 05ः00 बजे मुख्य सचिव महोदया की भूतल सभागार कक्ष, सचिवालय में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग के सचिव, आयुक्त, संयुक्त आयुक्त, महाप्रबन्धक उत्तराखण्ड शुगर्स, किच्छा/बाजपुर/नादेही/डोईवाला/सितारगंज चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धक/अधिषासी निदेशक, समस्त विभागाध्यक्षों तथा निजी क्षेत्र की चीनी मिलों के अध्यासी एवं सहायक गन्ना आयुक्त देहरादून, हरिद्वार एवं ऊधमसिंह नगर के अधिकारीगण उपस्थित थे।
मा0 मंत्री जी ने निजी क्षेत्र की चीनी मिल इकबालपुर को पेराई सत्र 2023-24 के अवशेष गन्ना मूल्य रू0 20.36 करोड़ का भुगतान दिनांक 15 जुलाई, 2024 तक अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। यह निर्णय किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य समय पर प्राप्त हो सके, इस उद्देश्य से लिया गया है।
निजी क्षेत्र की चीनी मिल इकबालपुर को पेराई सत्र 2018-19 के अवशेष गन्ना मूल्य भुगतान रू0 106.17 करोड़ के भुगतान हेतु ठोस प्रस्ताव उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। इस दिशा में शीघ्रता दिखाते हुए, आगामी बैठकों में प्रस्तुत किया जाना सुनिश्चित करना होगा।
चीनी मिलों के आगामी पेराई सत्र 2024-25 का शुभारम्भ 20 नवम्बर, 2024 से किसी भी दशा में प्रारम्भ किया जाएगा। इस दिशा में, चीनी मिलों के समस्त मरम्मत, अनुरक्षण एवं ट्रायल के कार्य 30 अक्टूबर, 2024 तक अवश्य पूर्ण कर लिये जाने के निर्देश दिये गये हैं। यह निर्णय तकनीकी बंदियों से बचने और प्रभावी उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
चीनी मिलों का मरम्मत एवं अनुरक्षण कार्य इस प्रकार किया जाए कि आगामी पेराई सत्र 2024-25 के दौरान किसी भी प्रकार की तकनीकी बंदियों का सामना न करना पड़े। यह सुनिश्चित करने के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि समय-समय पर मिलों का निरीक्षण करें और आवश्यकतानुसार निर्देश प्रदान करें।
चीनी मिलों में कृषकों के रहने, शौचालय, पेयजल एवं पंचर बनाने वाले आदि के लिए पूर्व में की गई व्यवस्थाओं की समीक्षा अनिवार्य रूप से चीनी मिलों द्वारा की जायेगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कृषकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और उनकी सभी मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हों।
कृषकों की समस्याओं के त्वरित निस्तारण हेतु गोष्ठियां आयोजित की जाएंगी। इन गोष्ठियों में कृषकों की समस्याओं को सुना जाएगा और त्वरित समाधान हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
छोटे कृषकों को तीसरे से चौथे पखवाड़े तक पर्चियां उपलब्ध कराने हेतु सट्टा नीति में आवश्यक संशोधन करने के निर्देश दिये गये हैं। यह निर्णय छोटे कृषकों की सुविधा और उनकी समस्याओं के त्वरित निस्तारण को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।