उत्तराखंड

टूरिज्म के माध्यम से चाय उत्पादन में वृद्धि: गणेश जोशी

प्रदेश के कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने अल्मोड़ा भ्रमण के दौरान चाय विकास बोर्ड के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य चाय के उत्पादन को बढ़ावा देना और चाय बागानों को टी टूरिज्म से जोड़ते हुए काश्तकारों की आय में वृद्धि करना था। इस अवसर पर चाय विकास बोर्ड के अध्यक्ष अनिल खोलिया, वित्त अधिकारी डॉ. यूनेम सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

 

 

 

बैठक में मंत्री गणेश जोशी ने चाय के उत्पादन में वृद्धि के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे चाय उत्पादन की वर्तमान स्थिति का गहन अध्ययन करें और इसमें सुधार के लिए ठोस कदम उठाएं। मंत्री ने कहा, “प्रदेश में चाय उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं और हमें इन संभावनाओं का पूर्ण उपयोग करना चाहिए।”

 

 

 

मंत्री गणेश जोशी ने चाय बागानों को टी टूरिज्म से जोड़ने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि टी टूरिज्म न केवल चाय के प्रचार-प्रसार में मदद करेगा बल्कि इससे स्थानीय काश्तकारों की आय में भी वृद्धि होगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे टी टूरिज्म के संबंध में विस्तृत कार्य योजना तैयार करें और इसे आदर्श आचार संहिता के बाद प्रस्तुत करें।

 

टी टूरिज्म एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें पर्यटक चाय बागानों का दौरा कर सकते हैं, चाय उत्पादन की प्रक्रिया को समझ सकते हैं और चाय की विभिन्न किस्मों का स्वाद ले सकते हैं। इससे न केवल पर्यटकों को एक नया अनुभव मिलेगा बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

 

 

 

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि चाय बागानों के विकास के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी। इन योजनाओं में चाय उत्पादन की आधुनिक तकनीकों का उपयोग, काश्तकारों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करना शामिल होगा। मंत्री जोशी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इन योजनाओं को शीघ्रातिशीघ्र क्रियान्वित करें।

 

 

 

बैठक में उपस्थित चाय विकास बोर्ड के अधिकारियों ने मंत्री जोशी को विश्वास दिलाया कि वे चाय उत्पादन और टी टूरिज्म के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। चाय विकास बोर्ड के अध्यक्ष अनिल खोलिया ने कहा, “हमारी प्राथमिकता चाय के उत्पादन को बढ़ाना और इसे टी टूरिज्म से जोड़ना है। इसके लिए हम हरसंभव कदम उठाएंगे।”

 

 

 

मंत्री गणेश जोशी का यह दौरा और बैठक चाय उत्पादन और टी टूरिज्म के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करने वाला सिद्ध होगा। चाय उत्पादन को बढ़ाने और टी टूरिज्म को विकसित करने के प्रयासों से न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा बल्कि स्थानीय काश्तकारों की आय में भी वृद्धि होगी। इस दिशा में उठाए गए कदम निश्चित रूप से प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

 

इस अवसर पर उपस्थित अन्य अधिकारियों ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए और मंत्री जोशी के निर्देशों का पालन करने का आश्वासन दिया। उम्मीद है कि आगामी समय में चाय उत्पादन और टी टूरिज्म के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति देखने को मिलेगी।

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