उत्तराखंड

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना की पहली बैठक: आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम

 

प्रदेश के वित्त मंत्री डाॅ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना“ के क्रियान्वयन के लिए गठित मंत्री मंडलीय उप समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की। इस महत्वपूर्ण बैठक में मंत्री ने योजना के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की और इसे सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया।

 

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। एकल महिलाओं में विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, किन्नर, अपराध एवं एसिड हमलों से पीड़ित महिलाएं शामिल हैं। इस योजना के तहत 18 से 50 वर्ष की आयुसीमा वाली एकल महिलाओं को स्वरोजगार के विभिन्न अवसर प्रदान किए जाएंगे।

वित्त मंत्री ने बताया कि योजना के तहत प्रदेशभर में एकल महिलाओं की कुल संख्या और उन्हें मिलने वाले स्वरोजगार के अवसरों का निर्धारण किया जाएगा। योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए आबकारी विभाग से प्राप्त होने वाली धनराशि का 10 करोड़ रूपया निर्धारित किया गया है।

बैठक में वित्त मंत्री ने योजना के तहत स्वरोजगार के विभिन्न अवसरों पर चर्चा की। इनमें कृषि, बागवानी, पशुपालन, कुकुट पालन, भेड़ पालन, बकरी पालन, उद्यान, बुटीक, टेलरिंग, जनरल स्टोर, टिफन सेवा, कैंटीन, कैटरिंग, प्लम्बर, इलैक्ट्रिशियन, डाटा एन्ट्री कार्य, कम्प्यूटर हार्डवेयर रिपेयरिंग, टेली काॅलिंग आदि जैसे कार्य शामिल हैं। इन कार्यों के माध्यम से एकल महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन सकेंगी, बल्कि अपनी आजीविका को भी सुदृढ़ कर सकेंगी।

मंत्री ने बताया कि योजना को प्रदेश के सभी 95 विकासखण्डों में लागू किया जाएगा, ताकि हर ब्लाॅक की एकल महिलाओं को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि इस योजना के माध्यम से महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करके उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाए।

मंत्री ने बताया कि उप समिति की आगामी बैठक में योजना को अन्तिम रूप देने के बाद इसे शासन में भेजा जाएगा। इसके बाद मंत्री मण्डल की समिति में पारित होने के बाद मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को इसी साल लागू किया जाएगा। इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।

इस अवसर पर बैठक में सदस्य सचिव, उप समिति, चन्द्रेश कुमार यादव, निदेशक, उप समिति, प्रशान्त आर्य एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे। सभी ने योजना के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार साझा किए और इसके सफल क्रियान्वयन के लिए आवश्यक कदम उठाने पर सहमति जताई।

 

मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के माध्यम से प्रदेश की एकल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा। यह योजना न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें समाज में सशक्त और सम्मानजनक स्थान दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। योजना के सफल क्रियान्वयन से महिलाओं को अपने पैरों पर खड़ा होने का मौका मिलेगा और वे समाज में एक सकारात्मक बदलाव ला सकेंगी।

अंततः, मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना प्रदेश की एकल महिलाओं के जीवन में एक नई रोशनी लेकर आएगी और उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर करेगी। वित्त मंत्री डाॅ. प्रेम चन्द अग्रवाल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक ने एक सकारात्मक दिशा में कदम बढ़ाया है और उम्मीद है कि जल्द ही इस योजना के माध्यम से प्रदेश की एकल महिलाओं को लाभ मिलना शुरू होगा।

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