उत्तराखंड

नए कानून के तहत हरिद्वार में पहला मामला दर्ज: सीएम धामी ने कहा – आज का दिन ऐतिहासिक

 

आज से देशभर में तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं, और उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में इन कानूनों के तहत पहला मामला दर्ज हुआ है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसे एक ऐतिहासिक दिन करार दिया और कहा कि अंग्रेजों के जमाने के पुराने कानूनों से देश को मुक्ति मिल गई है। उन्होंने कहा कि इन नए कानूनों का उद्देश्य दंड देने के बजाय न्याय प्रदान करना है।

नए आपराधिक कानूनों का लक्ष्य है कि देश में अपराधों की संख्या को कम किया जा सके और नागरिकों को बेहतर सुरक्षा मुहैया कराई जा सके। इसके तहत पुलिस और अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों को अधिक सशक्त और सक्षम बनाया गया है। सीएम धामी ने बताया कि नए कानूनों के क्रियान्वयन के लिए पुलिस को 20 करोड़ रुपए का बजट भी जारी कर दिया गया है।

नए कानून के तहत हरिद्वार में पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मामले में एक व्यक्ति ने बताया कि वह कुछ देर के लिए रविदास घाट के पास बैठा हुआ था, जब दो अज्ञात व्यक्ति आए और चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने व्यक्ति का मोबाइल फोन और कुछ नकदी छीन ली और उसे गंगा की तरफ धक्का देकर भाग गए। यह मामला नए कानून के तहत दर्ज किया गया है और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

सीएम धामी ने इस मौके पर कहा, “आज का दिन हमारे देश के लिए ऐतिहासिक है। हमें अंग्रेजों के जमाने के पुराने कानूनों से मुक्ति मिल गई है और अब हमारे पास अपने बनाए हुए कानून हैं जो हमारे समाज और संस्कृति के अनुरूप हैं।” उन्होंने कहा कि ये नए कानून दंड के लिए नहीं, बल्कि न्याय को ध्यान में रखते हुए बनाए गए हैं।

नए कानूनों के क्रियान्वयन के लिए पुलिस को 20 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है। इस बजट का उपयोग पुलिस के प्रशिक्षण, उपकरणों और अन्य आवश्यकताओं के लिए किया जाएगा। सीएम धामी ने कहा कि पुलिस को नए कानूनों के तहत काम करने के लिए पूरी तरह तैयार किया गया है।

नए आपराधिक कानूनों का लागू होना एक महत्वपूर्ण कदम है जो देश में न्याय प्रणाली को और अधिक प्रभावी और न्यायपूर्ण बनाने की दिशा में उठाया गया है। हरिद्वार में दर्ज हुआ पहला मामला इस बात का प्रमाण है कि नए कानूनों के तहत कार्रवाई शुरू हो चुकी है और उम्मीद है कि आने वाले समय में इन कानूनों का सकारात्मक प्रभाव दिखाई देगा। सीएम धामी की बातों से यह स्पष्ट है कि सरकार इस दिशा में गंभीर है और न्याय प्रणाली को सुधारने के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

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