अल्मोड़ा के जंगलों में लगी आग: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कड़ा रुख
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के जंगलों में हाल ही में लगी आग ने बड़ा तांडव मचाया है। इस भयावह आग ने न केवल वन संपदा को नुकसान पहुंचाया, बल्कि चार वन कर्मचारियों की जान भी ले ली। इस दुखद घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्णय लिया है।
बिनसर वन्यजीव सेंचुरी में लगी आग की घटना के बाद मुख्यमंत्री धामी ने तीन वरिष्ठ अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इनमें चीफ कंसर्वेटर नार्थ, सीसीएफ कुमांऊ और डीएफओ अल्मोड़ा शामिल हैं। इन अधिकारियों पर आग की रोकथाम और नियंत्रण में लापरवाही बरतने का आरोप है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की। उन्होंने कहा, “हताहत लोगों को श्री चरणों में ईश्वर दे स्थान।” इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने घायल कर्मचारियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाओं में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “लापरवाह अधिकारियों पर किसी भी प्रकार की नरमी नहीं बरती जाएगी और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।” इस बयान से यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रही है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी।
अल्मोड़ा के बिनसर सेंचुरी में आग से झुलसे 4 वनकर्मियों और पीआरडी जवान की मौत के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा एक्शन लेते हुए 3 बड़े अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है मुख्यमंत्री ने लापरवाही के आरोप में चीफ कंजरवेटर कुमाऊं वन विभाग, नॉर्थ चीफ कंजरवेटर ऑफिसर और जिला वन अधिकारी अल्मोड़ा को सस्पेंड कर दिया गया है।
गुरुवार को अल्मोड़ा के बिनसर के जंगलों में भीषण आग लगी थी जिसकी सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और आग बुझाने के प्रयास में आठ कर्मचारियों वनाग्नि चपेट में आकर बुरी तरह झुलस गए थे।
इस घटना में जल से आठ कर्मचारियों में से चार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था जबकि चार गंभीर रूप से घायलों को सुशीला तिवारी अस्पताल में रेफर किया गया था जहां से चारों घायलों को दो एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को बेहद दुखद बताया है साथ ही उन्होंने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की है।
इस आग ने न केवल मानव जीवन को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि पर्यावरण को भी गहरा आघात दिया है। बिनसर सेंचुरी, जो अपनी जैव विविधता के लिए जानी जाती है, को इस आग से भारी नुकसान हुआ है। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आग बुझाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं, लेकिन आग की तीव्रता और फैलाव ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
इस घटना ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए हैं। जंगलों में आग लगने की घटनाएं हर साल होती हैं, लेकिन उनकी रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने में विभाग की विफलता को उजागर करती हैं। निलंबित अधिकारियों के स्थान पर अब नई टीम को नियुक्त किया जाएगा, जो आग के मामलों को रोकने और नियंत्रित करने में सक्षम होगी।
मुख्यमंत्री ने इस घटना से सबक लेते हुए जंगलों में आग की घटनाओं को रोकने के लिए नई योजनाएं बनाने का आश्वासन दिया है। इसके तहत जंगलों में आग की निगरानी के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग, वन कर्मचारियों की ट्रेनिंग और आपातकालीन सेवाओं की तत्परता सुनिश्चित की जाएगी।
अल्मोड़ा के जंगलों में लगी आग की घटना ने राज्य सरकार और वन विभाग को सतर्क कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कड़ा रुख और लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए गंभीर है। यह घटना एक चेतावनी है कि पर्यावरण सुरक्षा और वन संरक्षण के लिए और अधिक सतर्कता और तत्परता की आवश्यकता है।