वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने वित्त विभाग की समीक्षा बैठक में दिए महत्वपूर्ण निर्देश
वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने मंगलवार को विधानसभा में आयोजित वित्त विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में वित्त विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें अपर मुख्य सचिव श्री आनंद वर्धन, सचिव वित्त श्री वी षणमुगम, श्री दिलीप जावलकर, श्री एसएन पांडे, अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, अपर सचिव वित्त गंगा प्रसाद, आयुक्त राज्य कर अहमद इकबाल, अपर आयुक्त राज्य कर आईएस बृजवाल, अनिल सिंह, अमित गुप्ता, बजट अधिकारी मनमोहन मनाली और निदेशक कोषागार डीसी लोहानी शामिल थे।
बैठक की शुरुआत बजट अधिकारी मनमोहन मनाली द्वारा वर्ष 2023-24 की उपलब्धियों की प्रस्तुति से हुई। मनाली ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में किए गए नए कार्यों और उनकी प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष के दौरान कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं को सफलता पूर्वक पूरा किया गया और कई नई परियोजनाओं की शुरुआत भी हुई।
उच्च अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल व्यय 56 हजार करोड़ रुपए रहा, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 60 हजार करोड़ रुपए हो गया। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 4000 करोड़ रुपए अधिक व्यय हुआ है। इसके साथ ही पूंजीगत परिव्यय में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2022-23 में जहां पूंजीगत परिव्यय 8195 करोड़ रुपए था, वहीं वर्ष 2023-24 में यह बढ़कर 10982 करोड़ रुपए हो गया।
बैठक में अधिकारियों ने यह भी बताया कि प्रदेश में राजस्व सरप्लस की स्थिति बनी हुई है और जीएसटी में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। चालू वित्तीय वर्ष में बजट के अनुमान का लगभग 11 प्रतिशत राजस्व प्राप्त हो चुका है, जिसमें एसजीएसटी, वैट, स्टांप, आबकारी आदि विभागों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में किए गए नवाचारों और उपलब्धियों के लिए अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कैपिटल आउटले में 34 प्रतिशत की वृद्धि के लिए भी अधिकारियों की प्रशंसा की। डॉ. अग्रवाल ने राज्य के कर राजस्व में वृद्धि को सराहनीय बताते हुए नॉन टैक्स में भी वृद्धि की संभावना जताई। उन्होंने विभाग को केंद्र पोषित योजनाओं की विशेष समीक्षा करने और यूसी (उपयोग प्रमाण पत्र) समय पर देने के निर्देश दिए। उन्होंने उच्चाधिकारियों को मोमेंटम बनाए रखने की भी हिदायत दी।
डॉ. अग्रवाल ने वित्त विभाग में पेंडिंग कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए ताकि कार्य बाधित न हो और समय पर पूरा हो सके। उन्होंने विभागों को नवाचार करने के लिए भी प्रेरित किया। इसके अलावा, डॉ. अग्रवाल ने 30 जून तक वित्त विभाग में रिक्त पदों और पदोन्नति पर आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
बैठक में सोसाइटी रजिस्ट्रेशन के लिए नियमावली बनाने का आग्रह रजिस्ट्रार चीफ फंड द्वारा किया गया, जिस पर वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने सचिव वित्त श्री दिलीप जावलकर को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
वित्त मंत्री ने पेंशनरों की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने जीएसटी विभाग को प्रवर्तन की कार्यवाही बढ़ाने के लिए कहा और विभागीय लंबित समस्याओं का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए, जिस पर अपर सचिव गंगा प्रसाद ने एक सप्ताह में निस्तारण का आश्वासन दिया।
अंत में, डॉ. अग्रवाल ने वित्तीय अनुशासन बनाए रखने और प्रदेश में जीडीपी के विस्तार के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही नई समीक्षा की जाएगी। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने वित्त मंत्री के निर्देशों का पालन करने और प्रदेश के वित्तीय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने का संकल्प लिया।
इस महत्वपूर्ण बैठक में विभागीय अधिकारियों ने वित्त मंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का स्वागत किया और उनके मार्गदर्शन में प्रदेश की वित्तीय स्थिति को और सुदृढ़ करने का आश्वासन दिया। वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल की इस समीक्षा बैठक ने वित्तीय अनुशासन और विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया है।