उत्तराखंड

बदरीनाथ और  केदारनाथ धामों के नाम, फोटो, वीडियो आदि के व्यावसायिक उपयोग को रोकने के प्रयास

 

भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल, श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धाम, लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र हैं। इन धामों के नाम, फोटो और वीडियो का व्यावसायिक उपयोग और अन्य प्रकार से दुरुपयोग करने की घटनाएं हाल ही में सामने आई हैं। इस संदर्भ में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने कानूनी प्रावधानों की तलाश शुरू कर दी है ताकि इस तरह के दुरुपयोग को रोका जा सके।

 

कुछ माह पूर्व हुई बीकेटीसी की बोर्ड बैठक में कानून के विशेषज्ञों से सलाह लेने और आवश्यक प्रावधान करने के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया गया था। बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि बीकेटीसी बोर्ड बैठक में चिंता जताई गई थी कि धामों के नाम, फोटो और वीडियो का व्यावसायिक उपयोग और दुरुपयोग श्रद्धालुओं को भ्रमित कर सकता है।

 

बीकेटीसी के संज्ञान में आया है कि कुछ लोग श्री केदारनाथ और श्री बदरीनाथ धाम का नाम, फोटो और वीडियो का उपयोग व्यावसायिक लाभ के लिए कर रहे हैं। इन धामों के नाम पर ट्रस्ट और संस्थाएं बनाई जा रही हैं, जिससे आम श्रद्धालु भ्रमित होकर इन संस्थाओं को चंदा दे रहे हैं। हाल ही में श्री केदारनाथ धाम ट्रस्ट, दिल्ली का नाम सामने आया, जिसमें श्री केदारनाथ मंदिर का निर्माण प्रस्तावित किया जा रहा है।

 

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि हाल ही में सोशल मीडिया पर श्री केदारनाथ धर्मशाला ट्रस्ट के नाम से एक अन्य संस्था के बारे में जानकारी सामने आई थी। इसमें दावा किया गया था कि संस्था केदारनाथ धाम के नाम पर धर्मशाला और मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल बना रही है। इसके अलावा, इंटरनेट पर उत्सव नामक एक एप के माध्यम से श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं से घर बैठे ऑनलाइन पूजा कराने के नाम पर पैसे लेने की घटनाएं भी सामने आई हैं।

 

बीकेटीसी बोर्ड बैठक में इन धामों के नाम और छवि के दुरुपयोग को रोकने के लिए कानूनी प्रावधान तलाशने के लिए कानूनी विशेषज्ञों की सेवा लेने का प्रस्ताव पारित किया गया है। इस पर कार्रवाई गतिमान है। केदारनाथ मंदिर के प्रभारी अधिकारी द्वारा 24 जून को सोनप्रयाग थाने में तहरीर दी गई है ताकि इन मामलों की जांच की जा सके और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके।

 

बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की भ्रामक संस्थाओं या ट्रस्ट के झांसे में न आएं। उन्होंने कहा कि बीकेटीसी के अधीनस्थ सभी मंदिरों में पूजा व्यवस्था, धर्मशाला निर्माण, संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्था आदि का सभी कार्य मंदिर समिति के नियंत्रणाधीन हैं। बीकेटीसी की अधिकृत वेबसाइट [www.badrinath-kedarnath.gov.in](https://www.badrinath-kedarnath.gov.in) के माध्यम से ऑनलाइन पूजाओं और अन्य जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

 

श्री बदरीनाथ और श्री केदारनाथ धाम केवल धार्मिक स्थल नहीं हैं, बल्कि आस्था और भक्ति के प्रतीक हैं। इन धामों के नाम, फोटो और वीडियो का दुरुपयोग न केवल श्रद्धालुओं को भ्रमित करता है, बल्कि उनकी आस्था को भी ठेस पहुंचाता है। बीकेटीसी द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं और इससे श्रद्धालुओं को सही जानकारी और सुरक्षित अनुभव प्राप्त करने में मदद मिलेगी। बीकेटीसी का यह प्रयास इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक संस्था अपने धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा के लिए तत्पर है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *