उत्तराखंड

महिला एवं बाल अपराधों के प्रति संवेदनशील दून पुलिस: नाबालिक लड़की को भगाकर ले जाने वाले अभियुक्त को किया गिरफ्तार

 

देहरादून पुलिस ने एक और महत्वपूर्ण मामले को सुलझाते हुए नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगाने वाले अभियुक्त को गिरफ्तार किया है। इस मामले में पुलिस ने त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करते हुए न केवल आरोपी को पकड़ लिया बल्कि पीड़िता को भी सकुशल बरामद कर उसके परिजनों के सुपुर्द किया।

 

 

17 मई 2024 को कालसी क्षेत्र के चंदोउ गांव में रहने वाले एक व्यक्ति ने राजस्व पुलिस को एक प्रार्थना पत्र सौंपा। इस पत्र में उन्होंने शिकायत की कि उनकी 13 वर्षीय पुत्री को राकेश, पुत्र चंदूदास, बहला-फुसलाकर भगाकर ले गया है। शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि राकेश ने किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी। इस घटना के संबंध में धारा 363, 366 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया और इस मामले की विवेचना राजस्व पुलिस से 27 मई 2024 को स्थानांतरित होकर थाना कालसी को सौंपी गई।

 

 

 

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून ने एक विशेष टीम का गठन किया और उन्हें आवश्यक निर्देश दिए। पुलिस टीम ने तेजी से कार्यवाही करते हुए अभियुक्त राकेश को 31 मई 2024 को यमुना पुल के पास हरिपुर से गिरफ्तार किया। साथ ही, नाबालिग पीड़िता को भी सकुशल बरामद कर उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया।

 

 

 

गिरफ्तार किए गए अभियुक्त का नाम राकेश, पुत्र चंदूदास है, जो ग्राम दिलऊं, पोस्ट चंदोउ, तहसील कालसी, जनपद देहरादून का निवासी है। उसकी उम्र 20 वर्ष है।

 

 

 

इस मामले को सुलझाने में पुलिस टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। टीम में शामिल थे:

1. महिला उप-निरीक्षक हेमा बिष्ट, थाना कालसी

2. कांस्टेबल जसमेर सिंह (कानि0 1357)

3. कांस्टेबल त्रेपन सिंह (कानि0 198)

 

 

 

यह घटना देहरादून पुलिस की संवेदनशीलता और तत्परता का एक बेहतरीन उदाहरण है। महिला एवं बाल अपराधों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित किया है कि पुलिस विभाग समाज की सुरक्षा और न्याय की स्थापना के प्रति पूर्णतः समर्पित है। नाबालिग लड़की को सकुशल बरामद करना और अभियुक्त को गिरफ्तार करना पुलिस की तत्परता और कुशलता का प्रतीक है।

 

 

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