जनपद रुद्रप्रयाग: नदी में डूबे युवक का शव SDRF ने किया बरामद
जनपद रुद्रप्रयाग में एक दुखद घटना घटित हुई है, जहां डिग्री कॉलेज, अगस्त्यमुनि के पास एक किशोर नदी में डूब गया। इस घटना ने पूरे इलाके में शोक और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है।
कल, दिनांक 21 जून 2024 को, थाना अगस्त्यमुनि द्वारा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) को सूचना दी गई कि डिग्री कॉलेज के पास एक किशोर नदी में डूब गया है। सूचना मिलते ही SDRF की एक टीम, SI धर्मेंद्र पंवार के नेतृत्व में, तुरंत मौके पर पहुंची और सर्च अभियान प्रारंभ किया।
SDRF टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर खोजबीन शुरू की, लेकिन अंधेरा होने और नदी के बहाव के कारण उस किशोर का पता नहीं चल सका। टीम ने काफी प्रयास किया, लेकिन पहले दिन सफलता हाथ नहीं लगी।
आज, दिनांक 22 जून 2024 को, SDRF टीम ने पुनः संभावित स्थानों पर गहन सर्च ऑपरेशन चलाया। अत्यधिक परिश्रम और कौशल का प्रदर्शन करते हुए, SDRF टीम ने आखिरकार नदी से उस किशोर का शव ढूंढ निकाला। शव को बरामद करने के बाद उसे जिला पुलिस के सुपुर्द किया गया।
मृतक का नाम वीरेंद्र था, जिसकी उम्र 17 वर्ष थी और वह कोटबांगर, रुद्रप्रयाग का निवासी था। वीरेंद्र के इस असमय निधन ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया है।
स्थानीय प्रशासन ने SDRF टीम की तत्परता और कड़ी मेहनत की सराहना की है। SDRF की यह तत्परता और पेशेवराना रवैया आपदाओं और दुर्घटनाओं के समय बहुत महत्वपूर्ण साबित होता है। SI धर्मेंद्र पंवार और उनकी टीम ने अपनी कर्तव्यनिष्ठा से इस अभियान को सफल बनाया।
इस घटना से वीरेंद्र के परिवार और पूरे गांव में शोक का माहौल है। गांव वालों ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की है। वीरेंद्र एक होनहार और हंसमुख लड़का था, जो सभी के दिलों में अपनी जगह बना चुका था।
यह घटना हमें याद दिलाती है कि नदी और जलाशयों के पास हमेशा सतर्क रहना कितना महत्वपूर्ण है। प्रशासन को भी इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाएं न घटें। SDRF की टीम की तत्परता और साहसिकता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे किसी भी आपदा या संकट के समय हमेशा तत्पर और सक्षम हैं।
इस दुखद घटना ने एक होनहार युवक को हमसे छीन लिया, लेकिन वीरेंद्र की यादें हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेंगी। हम सभी को इस दुख की घड़ी में वीरेंद्र के परिवार के साथ खड़े होना चाहिए और उन्हें संबल प्रदान करना चाहिए।