उत्तराखंड

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं

 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर श्री दरबार साहिब के सज्जादा गद्दीनशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने प्रदेशवासियों और देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। श्री दरबार साहिब में आयोजित इस विशेष अवसर पर श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने प्रातः योगाभ्यास किया और अपने अनुयायियों एवं सभी नागरिकों से योग को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाने का आह्वान किया।

 

श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने अपने संदेश में कहा, “आज के बदलते परिवेश में तनाव अनेक रोगों का कारण बन रहा है। योग साधना से मस्तिष्क और शरीर तनाव मुक्त रहते हैं, जिससे मानव अशांति और रोगों से बच सकता है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि योग संतुलित जीवन जीने की कला सिखाता है और व्यक्ति के विचारों को सात्विक बनाता है।

श्रीमहंत जी ने इस बात पर विशेष ध्यान दिया कि योग हर आयु वर्ग के व्यक्ति के लिए आवश्यक है। “हर आयु वर्ग के व्यक्ति को योग को अपने जीवन में शामिल करना चाहिए,” उन्होंने कहा। योग के माध्यम से न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी सुदृढ़ होता है।

 

शास्त्रों में योग साधना को मानव के लिए रोग मुक्ति, आत्म शुद्धि और दीर्घायु जीवन के लिए सबसे सशक्त माध्यम बताया गया है। श्रीमहंत जी ने कहा, “योग केवल शारीरिक ही नहीं मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभदायक है। योग व्यक्ति के शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में सहायता करता है और शारीरिक और मानसिक अनुशासन को एक साथ लाता है।”

श्री दरबार साहिब में नित्य प्रातः योगाभ्यास करने वाले श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने इस अवसर पर योगाभ्यास कर यह संदेश दिया कि योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना कितना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “योग से व्यक्ति के विचार सात्विक होते हैं और यह संतुलित जीवन जीने की कला सिखाता है। योग के नियमित अभ्यास से हम तनावमुक्त और स्वस्थ रह सकते हैं।”

 

योग की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए श्रीमहंत जी ने कहा, “योग व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में अत्यंत सहायक है। यह न केवल हमारे शरीर को सुदृढ़ बनाता है बल्कि हमारे मन को भी शांति और स्थिरता प्रदान करता है। योग एक समग्र साधना है जो हमें आत्म शुद्धि और दीर्घायु जीवन की ओर ले जाती है।”

 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज का संदेश न केवल योग के शारीरिक और मानसिक लाभों को उजागर करता है बल्कि इसके आध्यात्मिक महत्व को भी रेखांकित करता है। आज के तेजी से बदलते और तनावपूर्ण जीवन में योग की आवश्यकता और महत्व और भी अधिक हो गया है। योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह एक सम्पूर्ण जीवन शैली है जो हमें शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की दिशा में मार्गदर्शन करती है।

श्रीमहंत जी के संदेश से प्रेरणा लेते हुए, हम सभी को योग को अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल करना चाहिए और इसके अद्वितीय लाभों का अनुभव करना चाहिए। योग दिवस के इस अवसर पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम योग के माध्यम से अपने जीवन को तनावमुक्त, संतुलित और स्वस्थ बनाएंगे।

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