उत्तराखंड

कोर्ट ने दिए सख्त आदेश: एसजीआरआर मेडिकल पीजी के छात्र नहीं कर सकेंगे धरना प्रदर्शन

श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज और श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे मेडिकल कॉलेज के छात्रों के विरुद्ध कोर्ट ने सख्त आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों के तहत मेडिकल कॉलेज, श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल, और श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय के सभी संघटक कॉलेजों के परिसरों में किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा।

 

कोर्ट के इस निर्णय से उपचार के लिए आने वाले मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी और किसी भी मरीज के उपचार में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा। साथ ही, किसी भी जूनियर छात्र-छात्रा को क्लास में जाने और अध्ययन करने से नहीं रोका जाएगा।

 

कोर्ट के आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है। पुलिस ने अस्पताल और मेडिकल कॉलेज परिसर में धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों को वहां से हटा दिया। श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज के वरिष्ठ अधिवक्ता एडवोकेट एसपी सिंह ने जानकारी दी कि कोर्ट के आदेश के अनुसार, अस्पताल और मेडिकल कॉलेज परिसर में शांति भंग, नारेबाजी, और यातायात बाधित करने पर पूर्णतः रोक रहेगी। कोई भी व्यक्ति या छात्र अस्पताल के यातायात को बाधित नहीं करेगा।

 

पुलिस ने छात्र-छात्राओं को कड़ी चेतावनी दी है कि यदि अस्पताल परिसर या मेडिकल कॉलेज में किसी प्रकार की अनुशासनहीनता की गई तो सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

 

कोर्ट के आदेश के बाद कई छात्रों और उनके अभिभावकों ने मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों से संपर्क किया। अभिभावकों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन से बच्चों को समझा-बुझाकर माफ करने की मांग की। कॉलेज अधिकारियों ने सहानुभूति दिखाते हुए कहा कि वे बच्चों की हर संभव मदद करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे बाहरी असामाजिक तत्वों के बहकावे में आकर अपना करियर और समय बर्बाद न करें और न ही अपने कॉलेज की छवि को खराब करें।

 

एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज प्रशासन के पास कई पुख्ता सबूत हैं जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि मेडिकल छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रलोभन देकर आंदोलन के लिए भड़काया और उकसाया गया है। कॉलेज प्रशासन सही समय पर उन सभी बिन्दुओं पर कानूनी कार्रवाई करेगा।

 

दूसरी तरफ, पुलिस डा. देवेश गर्ग की आत्महत्या प्रकरण की जांच कर रही है। एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज ने पुलिस अधिकारियों को भरोसा दिलाया है कि पुलिस को जांच में हर तरह का सहयोग दिया जाएगा। कॉलेज ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि डा. देवेश गर्ग के मोबाइल की कॉल डिटेल और उसके बैच के साथियों की कॉल डिटेल की गहनता से जांच की जाए कि वह किन-किन लोगों के संपर्क में था और उसकी मानसिक स्थिति क्या थी।

 

इस बीच, एक छात्र ने वीडियो में यह भी कहा है कि उसने पूर्व में भी आत्महत्या करने का प्रयास किया था लेकिन उसके साथियों ने इसके बारे में न तो कॉलेज प्रशासन को बताया और न ही कॉलेज प्रशासन को अवगत कराया। कॉलेज प्रशासन के पास उस छात्र के वीडियो फुटेज साक्ष्य के रूप में उपलब्ध हैं, जिसे पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन के आला अधिकारियों को सौंप दिया गया है।

 

कॉलेज प्रशासन ने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन को पत्र लिखकर और सभी उपलब्ध साक्ष्यों को सौंपकर घटना की निष्पक्ष जांच की प्रार्थना की है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और अनावश्यक रूप से अस्पताल की सेवाओं और मरीजों को परेशानी न हो। मेडिकल कॉलेज का शैक्षणिक वातावरण दूषित न हो और असामाजिक तत्वों को सोशल मीडिया पर अनाप-शनाप पोस्ट करने का अवसर न मिले।

 

सोशल मीडिया पर जिन लोगों ने बिना किसी प्रमाण के अनाप-शनाप पोस्ट किए हैं, उनकी शिकायत डीजीपी और साइबर क्राइम सेल को की जा चुकी है और ये लोग जल्द ही कानून के शिकंजे में होंगे।

 

 

कोर्ट के इस सख्त आदेश और पुलिस प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज और श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल परिसर में शांति और अनुशासन बहाल हुआ है। प्रशासन और कॉलेज ने छात्रों और उनके अभिभावकों को भरोसा दिलाया है कि वे छात्रों की हर संभव मदद करेंगे और उनके कैरियर को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही, असामाजिक तत्वों और बाहरी हस्तक्षेप को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे ताकि शैक्षणिक और चिकित्सा सेवाएं सुचारू रूप से चल सकें।

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