सीएम धामी ने एम्स में जाकर घायल वनकर्मियों का कुशलक्षेम जाना
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हाल ही में नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) का दौरा किया, जहां उन्होंने अल्मोड़ा के बिनसर वन्यजीव विहार में वनाग्नि हादसे में गंभीर रूप से घायल प्रांतीय रक्षक दल के जवान कुन्दन सिंह नेगी, दैनिक श्रमिक कैलाश भट्ट और वाहन चालक भगवत सिंह भोज की कुशलक्षेम का जायजा लिया।
बिनसर वन्यजीव विहार में हुई इस दर्दनाक घटना ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। वनाग्नि की इस भयावह घटना में कई वनकर्मी अपनी जान गंवाने की कगार पर थे, लेकिन उनके साहस और तत्परता ने उन्हें बचा लिया। इस हादसे में प्रांतीय रक्षक दल के जवान कुन्दन सिंह नेगी, दैनिक श्रमिक कैलाश भट्ट और वाहन चालक भगवत सिंह भोज गंभीर रूप से घायल हो गए। इन घायल वनकर्मियों को उच्चस्तरीय उपचार के लिए तुरंत दिल्ली के एम्स भेजा गया।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद, घायलों का हालचाल जानने के लिए एम्स का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने एम्स के निदेशक से मुलाकात की और घायलों के उपचार के संबंध में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने निदेशक से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि घायल वनकर्मियों को सर्वोत्तम और उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने घायल वनकर्मियों के परिजनों से भी मुलाकात की और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। परिजनों ने मुख्यमंत्री को बताया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से घायलों को उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके साथ है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि घायल वनकर्मियों के उपचार में कोई कमी न आने पाए। उन्होंने कहा कि इन वीर जवानों ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपनी जान की बाजी लगाई है और उनका उपचार सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री के इस कदम ने न केवल घायल वनकर्मियों और उनके परिजनों में आत्मविश्वास बढ़ाया है, बल्कि पूरे राज्य में यह संदेश भी गया है कि सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति पूरी तरह संवेदनशील और प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर यह भी कहा कि राज्य सरकार वनकर्मियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक है और इस दिशा में और भी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि वनाग्नि जैसी आपदाओं से निपटने के लिए सरकार द्वारा आधुनिक उपकरणों और तकनीकों का उपयोग किया जाएगा और वनकर्मियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।