“उत्तराखंड में सिंचाई विभाग के विकास पर मुख्यमंत्री का ध्यान, बाढ़ सुरक्षा और पेयजल परियोजनाओं को तेजी से शुरू करने के निर्देश”
पुष्कर सिंह धामी, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री, ने हाल ही में सिंचाई विभाग की बैठक में अपने अधिकारियों को विभिन्न जल संबंधी मुद्दों पर जोर दिया। उन्होंने विशेष ध्यान दिया कि शहरों में मास्टर ड्रेनेज प्लान और फ्लड प्लैन जोनिंग के कार्यों में तेजी लाई जाए, ताकि बारिश के समय स्थानीय लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से पिंडर और कोसी नदी को आपस में जोड़ने के लिए राज्य स्तर पर की जा रही कार्यवाहियों को गति देने के निर्देश दिए। उन्होंने साफ किया कि गंगा और उसकी सहायक नदियों में शुद्ध पानी पहुंचने के लिए नए नाले खोजे जाएंगे, जहां अभी तक एसटीपी नहीं लगा है। उन्होंने बताया कि जल संरक्षण के लिए नाविकता घाटों के निर्माण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने इस बैठक में जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना और सौंग बांध पेयजल परियोजना के तत्काल कार्य शुरू करने के निर्देश भी दिए, और इन परियोजनाओं को सितम्बर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा। उन्होंने बताया कि इन परियोजनाओं के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में बजट की व्यवस्था की गई है, जिससे हल्द्वानी और देहरादून शहरों को प्राथमिकता से पेयजल की सुरक्षित आपूर्ति हो सके।
उन्होंने ध्यान दिया कि नैनीताल के बलियानाला भूस्खलन क्षेत्र, चमोली के हल्दापानी लॉ कॉलेज के पास भूधसांव, और पिथौरागढ़ के धारचूला विकासखण्ड में ग्वालगांव के भूस्खलन उपचार कार्य को तेजी से पूरा किया जाए।
इस बैठक में उपस्थित अधिकारियों में उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव श्री आर.के सुधांशु, और विशेष सचिव डा. पराग मधुकर धकाते शामिल थे। इस बैठक में बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो उत्तराखण्ड के जल संबंधी प्रकल्पों के विकास और सुधार में महत्वपूर्ण होंगे।