राजनीति

बड़ी खबर:- जयंत-अखिलेश की दोस्ती में पेंच फंसा सकता हरित प्रदेश का दांव, BJP के बालियान ने उछाल दिया है सिक्का

 

उत्तर प्रदेश

लोकसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले गरम होते जाट आरक्षण के मुद्दे के बीच भाजपा के पाले से ऐसा दांव चल दिया गया है, जिसने उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए नया विमर्श खड़ा कर दिया है।

मुजफ्फरनगर से सांसद व केंद्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री संजीव बालियान ने अलग पश्चिमी उत्तर प्रदेश (हरित प्रदेश) की मांग उठा दी है, जो कि प्रभावशाली जाट बिरादरी के साथ ही अंचल के आमजन की आकांक्षा है।

जाट बहुल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 2014 के लोकसभा से बार-बार जीत भले ही मिल रही हो, लेकिन चुनाव से जिस तरह हर बार यह धरती अलग-अलग मुद्दों को लेकर तपती रही है,

उसने भाजपा के लिए चुनौती जरूर खड़ी की है। अब लोकसभा चुनाव से पहले फिर से केंद्रीय सेवाओं में जाटों का आरक्षण का मुद्दा सिर उठाने लगा। यह ऐसा मुद्दा है, जिसका प्रभाव न सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बल्कि जाटों के प्रभाव वाले हरियाणा और राजस्थान तक में पड़ सकता है।

2022 के उत्तर विधानसभा चुनाव के वक्त नाराज जाटों और सरकार के बीच मध्यस्थता में उन्होंने भी बड़ी भूमिका निभाई थी। माना जा रहा है कि बालियान द्वारा उठाई गई मांग यदि लोकसभा चुनाव से पहले सामाजिक मंचों का मुद्दा बन गई तो सबसे पहले विपक्षी गठबंधन में खास तौर पर सपा-रालोद की उस जुगलबंदी की परीक्षा लेगी, जिसे भाजपा के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।

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