Friday, November 22, 2024
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Bharat News:- उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना देहरादून पुलिस द्वारा 84 लाख की साईबर धोखाधडी के अभियुक्त को कासगंज, उत्तरप्रदेश से किया गिरफ्तार।

देहरादून 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 नवनीत सिंह द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि जनपद देहरादून निवासी पीड़ित द्वारा माह अक्टूबर 2024 में साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन देहरादून पर अभियोग पंजीकृत कराया गया, जिसमें पीडित द्वारा बताया गया कि एक दिन
इंटरनेट सर्फिंग करते समय, स्टॉक विश्लेषण से संबंधित एक विज्ञापन दिखाई दिया जिसके लिंक पर क्लिक करने पर एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया जहां अज्ञात साइबर ठगों कथित अर्जुन हिंदुजा मो0नं0 +91 8008412316, +9173868697309 एवं अन्य के द्वारा स्वयं को NWIL Securities में मुख्य निवेश अधिकारी तथा “Religare Enterprises Ltd (listed NSE company)”, का हिस्सा होने का दावा किया गया जिसके पश्चात वादी को व्हाट्सएप ग्रुप चैटिंग के द्वारा षड़यंत्र के तहत विश्वास में लेकर RBL Mobile App पर RBL ट्रेडिंग एकाउंट खुलवाकर IPO Allot कर ट्रेडिंग के द्वारा अधिक विश्वास में लेकर लाभ कमाने के नाम पर विभिन्न लेन देन के माध्यम से दिये गये खातों में पैसा डलवाकर कुल 84,70,000/- (चौरासी लाख सत्तर हजार) रुपये की धोखाधड़ी की गयी ।

प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 द्वारा घटना के शीघ्र अनावरण हेतु पुलिस टीम गठित कर अभियोग के सफल एवं शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/मोबाइल नम्बरों तथा व्हाटसप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, तथा मेटा एवं गूगल आदि से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया । प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि अभियुक्तगणों द्वारा वादी मुकदमा से धोखाधडी से ठगी गयी धनराशि को विभिन्न बैंक खातों में स्थानान्तरित किया गया था बैंक खातों के अवलोकन से प्रकाश में आया कि अभियुक्तों द्वारा इन बैंक खातों में फर्जी आईडी से लिये गये मोबाईल नम्बरों को एसएमएस अलर्ट के रूप में रजिस्टर्ड किया गया था ।
विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना से सम्बन्धित अभियुक्तों को चिन्ह्ति करते हुये अभियुक्तों की तलाश जारी की तथा अभियुक्तों की गिरफ्तारी हेतु कई स्थानों पर दबिशें दी, किन्तु आरोपी काफी शातिर किस्म के हैं जो पुलिस को चकमा देने के उद्देश्य से समय-समय पर अपनी लोकेशन बदलते रहते थे । साईबर पुलिस टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कार्यवाही करते हुये अभियोग में वांछित अभियुक्त को कासगंज उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया गया जिसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त बैंक खाते का एसएमएस एलर्ट नं0 सहित मोबाइल फोन बरामद हुआ है ।

अपराध का तरीका
अभियुक्तगणों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम, फेसबुक आदि पर विज्ञापन के माध्यम से पीड़ितों से सम्पर्क किया जाता था व स्टॉक ट्रेडिंग एवं IPO में निवेश करके अधिक मुनाफा कमाने का लालच दिया जाता था व ट्रेडिंग हेतु फर्जी वेबसाइट पर खाता खुलवाकर पीडितो से जमा करवायी गयी धनराशि को वैबसाइट पर मुनाफा सहित करोडों में दर्शाकर लालच व विश्वास में लेकर निवेश के नाम पर अधिक से अधिक धनराशि जमा करवाकर धोखाधडी को अंजाम दिया जाता है एवं धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को अपनी विभिन्न बैंक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को अन्यत्र स्थानान्तरित कर दिया जाता था ।

*गिरफ्तार अभियुक्त का नाम पता*-
1- दुर्गेश पुत्र स्व0 जय सिंह निवासी सुभाष नगर, हमापुर, कासगंज उत्तर प्रदेश उम्र-29 वर्ष।

*बरामदगी*-
घटना में प्रयुक्त बैंक खाते का एसएमएस एलर्ट नं0 सहित एक मोबाइल फोन

*गिरफ्तारी पुलिस टीम*-
1- निरीक्षक विजय भारती
2- उ0नि0 हिम्मत सिंह
4- कानि0 नीरज नेगी
5- कानि0 योगेश्वर प्रसाद कान्ति

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री नवनीत सिंह महोदय द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरो/फर्जी साइट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर, YouTube like सब्सक्राइब में निवेश न करें व किसी भी अन्जान व्यक्ति के सम्पर्क में न आये अथवा न ही किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें। किसी भी अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, अन्जान कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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