एम्स ऋषिकेश में फिर एक नया विवाद
ऋषिकेश: एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) ऋषिकेश, जो देश की अग्रणी स्वास्थ्य सेवाओं में से एक मानी जाती है, इन दिनों लगातार विवादों का केंद्र बना हुआ है। हर कुछ दिनों में यहां कोई न कोई विवाद सुर्खियों में छा जाता है, जिससे इस प्रतिष्ठित संस्थान की छवि धूमिल हो रही है।
20 मई को यहां एक नर्सिंग ऑफिसर द्वारा एक महिला चिकित्सक के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया था। इस घटना ने संस्थान में भूचाल ला दिया। दोनों पक्षों के हड़ताल पर जाने से स्थिति और बिगड़ गई थी। हालांकि, किसी तरह इस मामले को सुलझा लिया गया था, लेकिन यह घटनाक्रम यहीं थमने वाला नहीं था।
शनिवार की शाम एक और विवाद ने एम्स ऋषिकेश को फिर से चर्चा में ला दिया। इस बार एक डॉक्टर और महिला नर्सिंग ऑफिसर के बीच विवाद हो गया। आरोप है कि रुद्रप्रयाग हादसे में घायलों के लिए ऑपरेशन थिएटर को खाली कराया जा रहा था, इसी बीच दोनों के बीच विवाद हो गया। यह विवाद इतना बढ़ गया कि डॉक्टर और ड्यूटी पर तैनात महिला नर्सिंग ऑफिसर के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। घटना का वीडियो वायरल हो गया, जिससे संस्थान को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा।
इस शर्मनाक घटना के बाद नर्सिंग ऑफिसर्स के संगठन ने एम्स प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की मांग की। संगठन ने चेतावनी दी कि अगर उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आंदोलन पर जाएंगे। एम्स प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित सीनियर रेजिडेंस को निलंबित कर दिया है। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि घटना से संबंधित वीडियो की जांच की गई है और प्रथम दृष्टया आरोपी सीनियर रेजिडेंस को निलंबित कर दिया गया है।
लगातार हो रहे इन विवादों ने एम्स ऋषिकेश की छवि को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। जहां एक ओर यह संस्थान अपने उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर यह विवादों का अखाड़ा बनता जा रहा है। ऐसे में आवश्यक है कि संस्थान की गरिमा और प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
एम्स ऋषिकेश के प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे घटनाओं को रोकने के लिए कठोर नियम और नीतियां बनाएं। कर्मचारियों के बीच सामंजस्य और सहयोग बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित किए जाएं। साथ ही, किसी भी विवाद के मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
एम्स ऋषिकेश को देश की अग्रणी स्वास्थ्य संस्था के रूप में अपनी छवि को पुनः स्थापित करने के लिए काफी मेहनत करनी होगी। विवादों से बचने और संस्थान की गरिमा को बनाए रखने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। संस्थान की प्रतिष्ठा को बनाए रखने के लिए प्रशासन, कर्मचारी और संगठन को मिलकर काम करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके और एम्स ऋषिकेश फिर से अपने उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जाना जा सके।