Bharat News:- मानकों के माध्यम से विज्ञान सीखना” कार्यशाला का शुभारंभ देहरादून के 60 से अधिक शिक्षकों ने किया प्रतिभाग।
देहरादून
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने आईएसआई मार्क को जनमानस के विश्वास का प्रतीक बताया है। भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा आयोजित – “मानकों के माध्यम से विज्ञान सीखना” कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में उन्होंने यह बात कही। देहरादून जिले के विभिन्न विद्यालयों में स्थापित स्टैंडर्ड क्लब के मेंटर व अन्य विज्ञान शिक्षकों ने इस कार्यशाला में भाग लिया।
सहारनपुर रोड स्थित एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में रेखा आर्या ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो के पास विभिन्न वस्तुओं को प्रमाणित करने की जिम्मेदारी है। यह बेहद महत्वपूर्ण कार्य है और इससे देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होती है।
उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र मानकों से छूट गए हैं, उनकी तरफ बीआईएस को ध्यान देना चाहिए। रेखा आर्या ने लोगों को इस विषय में जागरूक करने पर काफी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मानकों के संबंध में तथा विभिन्न मार्क को लेकर अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए।
कैबिनेट मंत्री ने भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा मानक संवर्धन के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की तथा भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए मानकों के योगदान को महत्वपूर्ण बताया।
बीआईएस देहरादून शाखा के निदेशक व प्रमुख सौरभ तिवारी ने कहा कि इस तरह की कार्यशाला का उद्देश्य मानकों में निहित विज्ञान का सार बच्चों तक पहुंचाना है, जिसमें शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि मानक बनाने की प्रक्रिया में बच्चे भी शामिल हों तथा अपने सुझाव दें, इसे लेकर स्कूलों में स्टैंडर्ड क्लब संचालित किए गए हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है। स्टैंडर्ड को लोगों तक पहुंचाने के लिए शैक्षणिक संस्थान व बच्चे एक अच्छा माध्यम हैं।
कार्यशाला में बीआईएस के वैज्ञानिक सचिन चौधरी व सौरभ चौरसिया ने बीआईएस तथा स्टैंडर्ड क्लब की गतिविधियों के संबंध में प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया। साथ ही रिसोर्स पर्सन अनंत भास्कर, रिंपी गर्ग तथा डा.मनीषा गर्ग ने मानकों के माध्यम से विज्ञान सीखने को लेकर प्रस्तुतियां दी।
कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा तैयार किए गए 52 लेसन प्लान उपलब्ध कराए गए। इनके आधार पर शिक्षक अब अपने विद्यालयों में बच्चों को मानकों के विषय में जानकारी उपलब्ध कराएंगे।