उत्तराखंड

केदारघाटी आपदा प्रबंधन, समयबद्ध पुनर्निर्माण और व्यापक राहत कार्य

 

उत्तराखंड के केदारघाटी क्षेत्र में हाल ही में हुई प्राकृतिक आपदा के मद्देनजर, राज्य सरकार और प्रशासन ने युद्धस्तर पर राहत और पुनर्निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशानुसार, सोमवार को सचिव लोक निर्माण विभाग श्री पंकज कुमार पांडेय, गढ़वाल कमिश्नर श्री विनय शंकर पांडेय, तथा सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने केदारघाटी के प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके उपरांत, उन्होंने सोनप्रयाग से गौरीकुंड और गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच क्षतिग्रस्त मार्गों का स्थलीय निरीक्षण किया।

 

 

अधिकारियों ने निरीक्षण के बाद संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ पुनर्निर्माण के कार्यों हेतु समयबद्ध योजना बनाने पर चर्चा की, ताकि सभी कार्य अविलंब शुरू किए जा सकें। उन्होंने सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच वाशआउट सड़कों को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्स्थापित करने के निर्देश दिए। इसके लिए अनिवार्य पुनर्निर्माण कार्यों का एस्टीमेट तैयार कर 2 से 3 दिनों के भीतर कार्य शुरू करने का आदेश दिया गया।

 

 

 

क्षतिग्रस्त मार्गों की मरम्मत के लिए प्रत्येक साइट पर अलग ठेकेदार और एक एई तथा एक जेई को तैनात किया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ने बताया कि गौरीकुंड के समीप घोड़ा पड़ाव के पास 15 मीटर हिस्सा वाशआउट हो गया है, और जंगलचट्टी में 60 मीटर हिस्सा वाशआउट हुआ है। कुल मिलाकर, 29 साइट्स पर कार्य किया जाना है। बड़े क्षतिग्रस्त मार्गों में निर्माण कार्य हेतु कम से कम 50 लोगों को तैनात किया जाएगा, जबकि कम क्षति वाले क्षेत्रों में 10 लोगों को तैनात किया जाएगा। नदी और नालों से हो रहे भूकटाव को रोकने के लिए चैनलाइजेशन के कार्य भी किए जा रहे हैं।

 

 

आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण विभिन्न स्थानों पर फंसे यात्रियों को सुरक्षित निकालने के लिए व्यापक स्तर पर खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं इस अभियान की पल-पल की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उनके निर्देशानुसार, 04.08.2024 को सांय 05ः00 बजे तक केदारनाथ धाम से 138 लोगों को, भीमबली और लिंचोली से 2409 लोगों को, तथा चीड़बासा (गौरीकुंड) से 75 लोगों को एयरलिफ्ट किया गया है।

 

 

 

केदारनाथ मार्ग में घने बादल छाए रहने से रेस्क्यू कार्य में व्यवधान उत्पन्न हो रहा है, लेकिन भारतीय वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से 136 यात्रियों का रेस्क्यू किया गया है। इसके अलावा, 05.08.2024 को लगभग 509 लोगों को केदारनाथ से लिंचोली तक पैदल लाया गया और लिंचोली से हेलीकॉप्टर द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। कुल मिलाकर, 05.08.2024 को सांय 05ः00 बजे तक 11,775 लोगों को सुरक्षित वापस लाया गया है।

 

 

केदारनाथ यात्रामार्ग पर रुके हुए लोगों के लिए खाद्य सामग्री और आश्रय की समुचित व्यवस्था की गई है। सभी के लिए निःशुल्क खाने-पीने की व्यवस्था की गई है। रेस्क्यू के दौरान और उसके उपरांत, स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था भी की गई है।

 

 

 

वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग पर और केदारनाथ धाम में स्थिति सामान्य है। सभी लोग पूरी तरह से सुरक्षित हैं और राहत एवं बचाव कार्य पूरी क्षमता के साथ किया जा रहा है।

 

इस आपदा में राज्य सरकार और प्रशासन के प्रयासों ने दिखा दिया है कि तत्परता, समर्पण और समन्वय से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। आने वाले समय में भी पुनर्निर्माण और राहत कार्यों में तेजी लाई जाएगी, ताकि क्षेत्र जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में लौट सके।

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