Big Breaking:- तेजस को अंतिम मंजूरी दुश्मन देशों की खैर नहीं जानें इसकी खासियत।
नई दिल्ली
नई दिल्ली: स्वदेश निर्मित हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए), तेजस को लगभग 10 रियायतें मिलीं, जिससे इसे पिछले महीने अंतिम परिचालन मंजूरी (एफओसी) प्राप्त करने में मदद मिली, जैसा कि दिप्रिंट को पता चला है।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को बंगलूरू में एलसीए तेजस ट्विन-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट सौंपा है।
आइए जानते है आखिर इस एयरक्राफ्ट की क्या खासियत है।
रक्षा प्रतिष्ठान में उच्च पदस्थ सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि विमान में ड्रॉप टैंक (बाहरी ईंधन टैंक) और अन्य हथियार विन्यास को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है,
जबकि एयरफ्रेम थकान परीक्षण अभी भी चल रहा है।
भारतीय वायु सेना लगातार मेड इन इंडिया पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वह दूसरे देशों की जगह अपने देश में बनाए गए विमानों को शामिल करने पर जोर दे रहा है।
ऐसे में आज का दिन वायु सेना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण और एतिहासिक दिन है। दरअसल, अब उसके बेड़े में पहला एलसीए तेज विमान शामिल हो गया है।
हालांकि, तेजस कार्यक्रम से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि इन रियायतों में विमान में संरचनात्मक परिवर्तन शामिल नहीं हैं। लेकिन अधिकारी ने यह ज़रूर कहा कि “एयरफ़्रेम थकान परीक्षण प्रगति पर है और इसमें कुछ समय लगेगा”।
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के सीएमडी सीबी अनंतकृष्णन ने भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी को बंगलूरू में एलसीए तेजस ट्विन-सीटर ट्रेनर एयरक्राफ्ट सौंपा है।