उत्तराखंड

हवलदार सत्ये सिंह बिष्ट, एक वीर बलिदानी की कहानी

 

जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार में पेट्रोलिंग के दौरान अठुरवाला निवासी हवलदार सत्ये सिंह बिष्ट (42) ने वीरगति प्राप्त की। स्वर्गीय गोपाल सिंह बिष्ट के पुत्र सत्ये सिंह मूल रूप से ग्राम जुराना, चंद्रबदनी खास पट्टी, टिहरी गढ़वाल के निवासी थे। पिछले सात वर्षों से वे अठुरवाला में अपने परिवार के साथ रह रहे थे। शुक्रवार दोपहर को उनके परिवार को सेवा के अधिकारियों द्वारा सूचना दी गई कि सत्ये सिंह जम्मू कश्मीर में पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हो गए हैं।

 

उनके बलिदान की खबर सुनते ही परिवार में शोक की लहर दौड़ गई। सत्ये सिंह अपने पीछे पत्नी संगीता (42), पुत्री स्वाति बिष्ट और महक बिष्ट, तथा पुत्र अयान बिष्ट को छोड़ गए हैं। उनके परिवार में दो बहनें और एक भाई भी हैं, जो इस दुःखद समाचार से स्तब्ध हैं।

 

 

सत्ये सिंह बिष्ट का जन्म टिहरी गढ़वाल के एक छोटे से गाँव जुराना में हुआ था। अपने पिता स्वर्गीय गोपाल सिंह बिष्ट की तरह ही, सत्ये सिंह ने भी देश सेवा का मार्ग चुना। उन्हें बचपन से ही देशभक्ति और सेवा का जज्बा था। वे हमेशा से ही भारतीय सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करना चाहते थे।

 

सेना में भर्ती होने के बाद सत्ये सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत और निष्ठा से सभी का दिल जीत लिया। वे अपने साथियों के बीच एक कर्तव्यनिष्ठ और बहादुर सैनिक के रूप में जाने जाते थे। उन्होंने विभिन्न चुनौतीपूर्ण अभियानों में हिस्सा लिया और अपनी वीरता का प्रदर्शन किया।

 

 

कुपवाड़ा जिले के तंगधार में पेट्रोलिंग के दौरान सत्ये सिंह ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। यह घटना उनके परिवार और पूरे देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके बलिदान ने यह साबित कर दिया कि देश की रक्षा के लिए सैनिक किसी भी सीमा तक जा सकते हैं।

 

 

सत्ये सिंह के बलिदान की खबर सुनकर उनका परिवार पूरी तरह से टूट गया है। उनकी पत्नी संगीता, जो हमेशा उनके साथ खड़ी रहीं, इस असहनीय दुःख को सहने की कोशिश कर रही हैं। उनकी बेटियाँ स्वाति और महक तथा बेटा अयान भी इस घटना से गहरे सदमे में हैं।

 

सत्ये सिंह के परिवार को अब समाज और सरकार से सहयोग की आवश्यकता है। ऐसे समय में हमें उनके परिवार के साथ खड़े होकर उनका हौसला बढ़ाना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

 

 

 

सत्ये सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर आज शाम देहरादून एयरपोर्ट पर हेलिकॉप्टर से लाया जाएगा। उनके अंतिम संस्कार की तैयारी ऋषिकेश में की जा रही है, जहां कल उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। इस अवसर पर उनके परिवार के साथ-साथ सेना के अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और समाज के अन्य लोग भी मौजूद रहेंगे।

 

 

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