राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी,आगामी निकाय चुनाव के लिए व्यापक योजना
राज्य निर्वाचन आयोग ने उत्तराखंड में आगामी निकाय चुनाव के लिए सभी तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुचारू रूप से संचालित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव, राहुल कुमार गोयल, ने जानकारी दी कि राज्य की 93 नगर निकायों के लिए मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जा चुका है। यह प्रक्रिया चुनाव की तैयारी में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि सभी योग्य मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें।
इसके अतिरिक्त, राज्य की शेष छह नगर निकायों—नरेंद्र नगर, रुद्रप्रयाग, हर्बटपूर, कीर्तिनगर, रूड़की और बाजपूर—के विस्तृत पुनरिक्षण का शेड्यूल जारी कर दिया गया है। इन छह नगर निकायों की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 9 अगस्त 2024 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।
राज्य में कुल 99 स्थानीय नगर निकायों में चुनाव की तैयारियाँ गतिमान हैं। आयोग ने सभी संवेदनशील और अतिसंवेदनशील मतदेय स्थलों की पहचान करने के लिए व्यापक सर्वेक्षण और मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू की है। यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
इसके साथ ही, शासन स्तर पर आरक्षण की प्रक्रिया भी गतिमान है। विभिन्न सीटों पर आरक्षण की स्थिति निर्धारित करने के लिए विभिन्न सामाजिक और आर्थिक कारकों का विश्लेषण किया जा रहा है। जैसे ही शासन से आरक्षण की स्थिति प्राप्त होगी, राज्य निर्वाचन आयोग निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।
राज्य निर्वाचन आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी हो। इसके लिए आयोग ने विभिन्न तकनीकी और प्रशासनिक उपायों को अपनाया है। इनमें मतदाता सूची के अद्यतन से लेकर मतदान केंद्रों पर सुरक्षा प्रबंधों तक, हर पहलू पर ध्यान दिया गया है।
आयोग के सचिव, राहुल कुमार गोयल, ने बताया कि आयोग ने सभी जिलों के निर्वाचन अधिकारियों और संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित बैठकों और प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी संबंधित अधिकारी चुनाव प्रक्रिया को समझें और उनका सही तरीके से पालन करें।
राज्य निर्वाचन आयोग की यह व्यापक तैयारी यह दर्शाती है कि आयोग आगामी निकाय चुनाव को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुचारू रूप से आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मतदाता सूची का अद्यतन, संवेदनशील स्थलों की पहचान, आरक्षण की प्रक्रिया और प्रशासनिक उपाय सभी इस दिशा में उठाए गए महत्वपूर्ण कदम हैं। राज्य के नागरिकों को भी यह विश्वास होना चाहिए कि उनका मत सुरक्षित है और चुनाव प्रक्रिया पूर्णतः निष्पक्ष होगी।
राज्य निर्वाचन आयोग की ये तैयारियाँ न केवल चुनाव की प्रक्रिया को सुगम बनाएंगी, बल्कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को भी सुदृढ़ करेंगी। सभी नागरिकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने मताधिकार का उपयोग करें और राज्य के विकास में अपना योगदान दें।