उत्तराखंड

 कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के नाम से पैसों की मांग, साइबर क्राइम को सौंपी गई शिकायत

 

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी को एक गंभीर साइबर धोखाधड़ी का सामना करना पड़ रहा है। एक अराजक व्यक्ति द्वारा भिन्न-भिन्न मोबाइल नम्बरों से लोगों से बात कर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी के नाम से पैसों की मांग की जा रही है। इस धोखाधड़ी के तहत मोबाइल नंबर 94711373514 से श्रीलंका के टू कॉलर पर मंत्री गणेश जोशी की आईडी और फोटो लगाकर लोगों को ठगा जा रहा है। इस घटना ने मंत्री गणेश जोशी की छवि को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।

 

यह मामला तब सामने आया जब मंत्री गणेश जोशी के कुछ समर्थकों और आम जनता ने इस संदर्भ में शिकायत की। उन्होंने बताया कि उन्हें मोबाइल कॉल्स और मैसेजेस प्राप्त हो रहे हैं, जिनमें उनसे मंत्री गणेश जोशी के नाम पर पैसे मांगे जा रहे हैं। इन कॉल्स में मंत्री जी का नाम और फोटो का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे लोग आसानी से धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।

 

मामले की गंभीरता को देखते हुए, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने अपने जनसंपर्क अधिकारी मनोज जोशी को तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। मनोज जोशी ने साइबर क्राइम को एक औपचारिक पत्र भेजकर प्रकरण की जानकारी दी और आरोपी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की। इस पत्र में उन्होंने बताया कि किस तरह से मंत्री जी की छवि को नुकसान पहुंचाया जा रहा है और जनता को धोखाधड़ी का शिकार बनाया जा रहा है।

साइबर क्राइम के सब इंस्पेक्टर मनोज बेनीवाल ने मामले की गंभीरता को समझते हुए मंत्री कार्यालय से संपर्क किया और प्रकरण की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने मंत्री कार्यालय को आश्वस्त किया कि इस धोखाधड़ी के मामले में जल्द ही सख्त कार्यवाही की जाएगी। साइबर क्राइम विभाग ने इस मामले को प्राथमिकता से जांच में लिया है और संबंधित मोबाइल नंबरों की जांच शुरू कर दी है।

 

यह घटना इस बात को उजागर करती है कि साइबर अपराध किस तरह से बढ़ता जा रहा है और आम जनता के साथ-साथ महत्वपूर्ण व्यक्तियों को भी निशाना बना रहा है। ऐसे अपराध न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि लोगों की छवि और प्रतिष्ठा को भी गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं।

 

मंत्री गणेश जोशी ने इस घटना के बाद जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अनधिकृत कॉल्स और मैसेजेस से सावधान रहें और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना संबंधित अधिकारियों को दें। उन्होंने यह भी कहा कि उनके नाम से किसी भी प्रकार की आर्थिक मांग नहीं की जाती है और जनता ऐसी किसी भी धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्क रहे।

 

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