उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक और हेली सेवाओं पर प्रभाव
उत्तराखंड में मॉनसून की दस्तक के बाद से प्रदेश भर में लगातार मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने 5 जुलाई तक प्रदेश भर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिसका असर प्रदेश भर में देखा जा रहा है। इस लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते हेली सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं, जिससे चारधाम यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
केदारनाथ धाम में मंगलवार को हेली सेवाएं पूरी तरह से ठप रहीं, जबकि बुधवार को सिर्फ एक हेलीकॉप्टर की ओर से सेवाएं दी जा रही हैं। मॉनसून सीजन के शुरू होने के बाद से ही केदारनाथ धाम में हेलीकॉप्टर का संचालन कम कर दिया गया था। वर्तमान समय में दो हेलीकॉप्टर द्वारा हेली सेवाएं दी जा रही हैं, लेकिन बुधवार को एक हेलीकॉप्टर खराब होने के कारण केवल एक हेलीकॉप्टर के जरिए ही यात्रियों का आवागमन हो पा रहा है।
मॉनसून सीजन के दौरान हेलीकॉप्टर सेवाओं का संचालन काफी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (उकाडा) के सीईओ सी रविशंकर ने बताया कि मॉनसून के दौरान कुल 9 हेलीकॉप्टर में से केवल दो हेली सेवा संचालन के लिए निर्देश दिए गए हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि मॉनसून के दौरान बेहद कम संख्या में ही श्रद्धालु हेली सेवाओं का उपयोग करते हैं। वर्तमान समय में जो दो हेली ऑपरेटर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं, वो भी मुश्किल से ही हेली का संचालन कर पा रहे हैं, क्योंकि केदारनाथ में बारिश के साथ ही काफी अधिक बादल रहता है।
हेली सेवा के लिए जो श्रद्धालु टिकट बुक करा चुके हैं और हेली का संचालन नहीं हो पाता है, तो संबंधित श्रद्धालुओं का टिकट ऑटोमैटिक कैंसिल हो जाता है और टिकट का पूरा पैसा रिफंड कर दिया जाता है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पायलट स्थितियों का जायजा लेते रहते हैं। अगर विजिबिलिटी और मौसम साफ होता है, तभी पायलट डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) के निर्देशों पर उड़ान भरते हैं।
मौसम के चलते हेली सेवाओं का संचालन लगातार प्रभावित हो रहा है। लेकिन जब मौसम साफ रहता है तो उस दौरान फ्लाइंग की जाती है। 2 जुलाई को अत्यधिक बारिश होने के चलते पूरे दिन हेली का संचालन नहीं हो पाया था। पायलट को मौसम की सटीक जानकारी मिल सके, इसके लिए केदार वैली में कैमरा लगाया गया है। इससे पायलट को मौसम की लाइव जानकारी मिल रही है, जबकि पहले फोन करके पायलट मौसम की जानकारी पूछते थे।
यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) भी स्थापित किया जाना प्रस्तावित है। इससे पायलट को और भी सटीक जानकारी मिल सकेगी और उड़ान का संचालन सुरक्षित ढंग से किया जा सकेगा। उम्मीद है कि एटीसी स्थापित करने की दिशा में जल्द ही काम शुरू होगा।
उत्तराखंड में मॉनसून के चलते हेली सेवाओं पर गहरा प्रभाव पड़ा है। लगातार बारिश और बादलों के चलते यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, प्रशासन और हेली ऑपरेटर्स यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मौसम की सटीक जानकारी के लिए तकनीकी सुविधाओं का उपयोग किया जा रहा है और एयर ट्रैफिक कंट्रोल की स्थापना की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हेली सेवाएं सुरक्षित और प्रभावी रूप से संचालित हो सकें।