उत्तराखंड

पहली बारिश में ही गंगा में बह गई आधा दर्जन से अधिक गाड़ियाँ

 

हरिद्वार में मानसून की पहली बारिश ने जन जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। शहर कोतवाली क्षेत्र में गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ने से शमशान घाट के पास खड़ी आधा दर्जन से अधिक गाड़ियाँ बह गईं। इस अप्रत्याशित घटना ने स्थानीय निवासियों और प्रशासन को चिंता में डाल दिया है।

गंगा का जलस्तर बढ़ने से स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि गाड़ियाँ बह कर हर की पौड़ी तक पहुँच गईं, जहां उन्हें बहते हुए देखा जा सकता है। इस घटना से शहर में अफरा-तफरी मच गई और लोग अपने वाहनों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए भागने लगे।

प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं। पुलिस और एनडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके और संभावित नुकसान को कम किया जा सके। प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और गंगा के किनारे से दूर रहें जब तक कि स्थिति सामान्य नहीं हो जाती।

स्थानीय निवासी रोहित शर्मा ने बताया, “यह पहली बार है कि हमने गंगा का जलस्तर इतना तेजी से बढ़ते हुए देखा है। हमारे वाहन शमशान घाट के पास खड़े थे और देखते ही देखते पानी में बह गए। हमें समझ नहीं आया कि क्या करना है।”

इस घटना ने प्रशासन की तैयारी पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि हर साल मानसून के दौरान ऐसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन प्रशासन की तैयारी में हमेशा कमी रह जाती है।

हरिद्वार में बारिश और बाढ़ की स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और मौसम विभाग ने आगामी दिनों में और बारिश की चेतावनी दी है। प्रशासन ने सभी नागरिकों से सावधानी बरतने और बिना आवश्यक कारण के घर से बाहर न निकलने की सलाह दी है।

यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि प्राकृतिक आपदाओं के प्रति हमारी तैयारी और प्रतिक्रिया कितनी महत्वपूर्ण है। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और यदि वे हों भी, तो उनके प्रभाव को कम किया जा सके। हरिद्वार के नागरिक अब प्रशासन से और भी तत्पर और प्रभावी कदम उठाने की उम्मीद कर रहे हैं।

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