उत्तराखंड

विजिलेंस ने राज्य आयकर विभाग के सहायक आयुक्त को घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा

 

 

देहरादून में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत विजिलेंस विभाग ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। राज्य आयकर विभाग के सहायक आयुक्त शशिकांत दुबे को 75 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया है। यह गिरफ्तारी लक्ष्मी रोड स्थित उनके कार्यालय से की गई, जहां विजिलेंस टीम ने पहले से ही जाल बिछा रखा था।

 

गिरफ्तारी के बाद, विजिलेंस टीम ने शशिकांत दुबे के आवास पर भी छापेमारी की। इस छापेमारी में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और संदिग्ध सामग्री बरामद की गई, जो उनकी भ्रष्ट गतिविधियों का सबूत प्रस्तुत कर सकती हैं।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने का संकल्प लिया है। बीते कुछ दिनों में, राज्य कर विभाग, लघु सिंचाई विभाग, वन विभाग, विद्युत विभाग और खाद्य आपूर्ति विभाग के कई अधिकारियों और कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया है कि किसी भी विभाग में कमीशन मांगने वालों या जनहित के कार्यों में रिश्वत मांगने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह छोटा कर्मचारी हो या बड़ा अधिकारी, सभी को ईमानदारी और पारदर्शिता से काम करना होगा।

 

भ्रष्टाचार की रोकथाम को सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री के निर्देशों पर एक टोल फ्री नंबर 1064 जारी किया गया है। इस नंबर पर कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी विभाग में रिश्वत मांगने वाले कर्मचारी या अधिकारी की शिकायत कर सकता है। शिकायत करने वाले का नाम और नंबर गोपनीय रखा जाएगा, जिससे लोग बिना किसी डर के शिकायत कर सकें।

 

इस मुहिम के तहत की गई कार्रवाइयों ने जनता में सरकार के प्रति विश्वास को बढ़ाया है। लोग अब बिना किसी भय के अपने अधिकारों के लिए आवाज उठा सकते हैं और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की उम्मीद कर सकते हैं।

 

विजिलेंस विभाग की भूमिका इस मुहिम में अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे न केवल शिकायतों की जांच करते हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर कार्रवाई भी करते हैं। विजिलेंस की टीम को इस दिशा में पूरी छूट दी गई है, जिससे वे बिना किसी बाधा के अपने कार्य को अंजाम दे सकें।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ इस मुहिम को निरंतर जारी रखेगी। इसका उद्देश्य केवल भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ना नहीं, बल्कि एक ऐसा प्रशासनिक ढांचा तैयार करना है, जहां भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश न हो।

राज्य के विकास और जनता की भलाई के लिए यह अत्यंत आवश्यक है कि सरकारी विभागों में पारदर्शिता और ईमानदारी बनी रहे। मुख्यमंत्री धामी ने इस दिशा में अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएगी और राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

इस तरह के सख्त कदम उठाने से न केवल सरकारी विभागों में सुधार आएगा, बल्कि राज्य की जनता को भी एक साफ-सुथरा और ईमानदार प्रशासन मिलेगा, जो उनकी समस्याओं का समाधान तेजी से और पारदर्शी तरीके से करेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ इस मुहिम को सफल बनाने में जनता का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण है, और मुख्यमंत्री धामी ने सभी से इस अभियान में सहभागी बनने की अपील की है।

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