उत्तराखंड

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आदि कैलास में किया योग

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहली बार भगवान शिव की पावन भूमि आदि कैलास में योगाभ्यास किया। यह आयोजन समुद्र सतह से करीब 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित ज्योलिगकांग के शिव मंदिर से सटे पार्वती सरोवर क्षेत्र में हुआ। इस विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने भगवान शिव का वंदन करते हुए प्रदेश की समृद्धि और शांति की कामना की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मौके पर प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और योग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “योग हमारी प्राचीन विरासत का बहुमूल्य उपहार है, जो मनुष्य की मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि करने के साथ ही आध्यात्मिक ऊर्जा को भी बढ़ाने में सहायता करता है।”

उन्होंने आगे कहा, “नियमित योग अभ्यास तनाव को कम करने, जीवन को संतुलित बनाए रखने और असंभव लक्ष्यों को पाने में विशेष भूमिका निभाता है। योग भारत की प्राचीनतम और समृद्ध परम्परा की एक पहचान है। पूरी मानवता को हमारे ऋषि-मुनियों की यह महत्वपूर्ण देन है। योग साधना के द्वारा हम शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग ने आज दुनिया में भारत की विशिष्ट पहचान बनाई है। “योग के लिये दुनिया भारत की ओर देख रही है। योग ने देश और दुनिया को स्वस्थता का संदेश दिया है और मानवता के सुख-शांति की राह प्रशस्त की है। महान ऋषि पतंजलि ने योग के माध्यम से लोगों को जीने की राह दिखाई है। हर मनुष्य का परम लक्ष्य सुख और शांति की प्राप्ति है जिसमें योग की बड़ी भूमिका है।”

 

आदि कैलास, जिसे छोटा कैलास भी कहा जाता है, उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित है। यह पवित्र धाम भगवान शिव और माता पार्वती का निवास स्थल माना जाता है। यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक वातावरण हर साल हजारों श्रद्धालुओं और योग साधकों को आकर्षित करता है। समुद्र तल से 15 हजार फीट की ऊँचाई पर स्थित यह स्थान अपने शांतिपूर्ण वातावरण और पवित्रता के कारण योग अभ्यास के लिए आदर्श स्थान है।

 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य योग के लाभ और महत्व को विश्वभर में फैलाना है। वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसे मान्यता दी गई और 2015 से इसे वैश्विक स्तर पर मनाया जाने लगा। इस दिवस का उद्देश्य योग के माध्यम से शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है।

 

योग भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा है। यह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए एक समग्र प्रणाली है। योग के विभिन्न आसन और प्राणायाम तकनीकें शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती हैं और मन को शांति प्रदान करती हैं।

योग की उत्पत्ति हजारों साल पहले भारत में हुई थी और यह हमारी प्राचीन ऋषि-मुनियों की देन है। योग के माध्यम से हम न केवल स्वस्थ रह सकते हैं बल्कि जीवन के उच्चतम लक्ष्यों को भी प्राप्त कर सकते हैं। आज योग पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो चुका है और इसे जीवनशैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस विशेष अवसर पर अपने संदेश में कहा, “योग मनुष्य की मानसिक और शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है और आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करता है। योग एक महत्वपूर्ण साधना है जो हमें तनावमुक्त और स्वस्थ जीवन प्रदान करती है। हमें गर्व है कि योग हमारी प्राचीन परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आज पूरी दुनिया योग की महत्वता को समझ रही है।”

उन्होंने आगे कहा, “मैं प्रदेशवासियों से आग्रह करता हूँ कि वे योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और इसके लाभों को समझें। योग न केवल हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि हमारे मन को भी शांति और सुकून प्रदान करता है। योग दिवस के इस अवसर पर हम सभी को प्रण लेना चाहिए कि हम नियमित रूप से योगाभ्यास करेंगे और इसे अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएंगे।”

 

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा आदि कैलास में योगाभ्यास का आयोजन न केवल उत्तराखंड के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह आयोजन हमारे प्राचीन योग विज्ञान और उसकी महत्ता को पुनः स्थापित करता है। योग न केवल शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि यह हमें आध्यात्मिक उन्नति की ओर भी ले जाता है। योग दिवस के इस अवसर पर हम सभी को योग के महत्व को समझते हुए इसे अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लेना चाहिए।

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