बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र को मिल रही जान से मारने की धमकियां, जानिए पूरा मामला
हाल ही में चर्चा में आई फिल्म “हमारे बारह” ने रिलीज़ से पहले ही भारी विवाद खड़ा कर दिया है। इस फिल्म का निर्देशन कमल चंद्रा ने किया है और इसमें अन्नू कपूर, पद्मश्री मनोज जोशी, अश्विनी कालसेकर, पार्थ समथान, पारितोष त्रिपाठी जैसे कलाकारों ने अपनी अदाकारी का जादू बिखेरा है। फिल्म के क्रिएटिव डायरेक्टर अजेंद्र अजय हैं, जो वर्तमान में श्री बदरीनाथ – केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष भी हैं। फिल्म के ट्रैलर और टीजर रिलीज होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर विवाद और धमकियों का दौर शुरू हो गया है।
“हमारे बारह” फिल्म का मुख्य विषय जनसंख्या वृद्धि और इससे जुड़े सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित है। फिल्म के निर्माता बीरेंद्र भगत, रवि गुप्ता, संजय नागपाल और शिव बालक सिंह हैं। फिल्म में एक समुदाय विशेष द्वारा मुस्लिम विरोधी बताकर आपत्ति जताई जा रही है, जो विवाद का कारण बना है। अन्नू कपूर की प्रमुख भूमिका वाली इस फिल्म को लेकर सोशल मीडिया पर बबाल मचा हुआ है, जिसमें कट्टरपंथी तत्वों द्वारा फिल्म के कलाकारों और प्रोडक्शन टीम को धमकियां दी जा रही हैं।
फिल्म के क्रिएटिव डायरेक्टर अजेंद्र अजय को सोशल मीडिया पर जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। उनके इंस्टाग्राम पर “सर तन से जुदा” करने जैसी धमकियां दी गई हैं। अजेंद्र ने बताया कि इन धमकियों की वजह से फिल्म की टीम को महाराष्ट्र सरकार ने सुरक्षा प्रदान कर दी है। उन्होंने उत्तराखंड सरकार को भी लिखित में सूचना दी है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी फिल्म के रिलीज़ और प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सभी राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं।
पहले यह फिल्म 7 जून को रिलीज होनी थी। मगर फिल्म रिलीज होने से पहले कानूनी दांवपेचों में उलझ गई। एक मुस्लिम संगठन द्वारा बांबे हाई कोर्ट में फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई थी। यह कानूनी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची। सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाते हुए बांबे हाई कोर्ट को मेरिट के आधार पर सुनवाई करने को कहा।
अजेंद्र ने बताया कि मंगलवार को हाई कोर्ट ने लंबी सुनवाई के फिल्म को प्रदर्शित करने की अनुमति प्रदान कर दी है। फिल्म अब 21 जून को देशभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। अजेंद्र ने कहा कि यह फिल्म किसी धर्म विशेष के विरुद्ध नहीं है। अपितु बढ़ती जनसंख्या पर केंद्रित है और महिलाओं को केवल बच्चा पैदा करने मशीन समझने वाली मानसिकता पर प्रहार करती है।