आजीविका कर्मचारियों की समस्याएं सुनते ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी
उत्तराखण्ड के ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने सोमवार को अपने हाथीबड़काला स्थित कैंप कार्यालय में उत्तराखण्ड राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) के तहत कार्यरत कर्मचारियों से मुलाकात की। इस अवसर पर कर्मचारियों ने मंत्री के समक्ष अपनी समस्याओं और मांगों को रखा, जिसमें एचआर पॉलिसी लागू करने और वेतन वृद्धि में विसंगतियों के निराकरण की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
आजीविका मिशन के तहत कार्यरत कर्मचारियों ने बताया कि वे पिछले सात से आठ वर्षों से ग्रामीण परिवारों की आजीविका बढ़ाने के लिए कठिन परिस्थितियों में निरंतर कार्य कर रहे हैं। उनके धरातलीय प्रयासों से मिशन के सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं, लेकिन योजना की शुरुआत से अब तक उनके मानदेय में कोई वृद्धि नहीं हुई है। इस दौरान कर्मचारियों ने बताया कि महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्य मशरूम उत्पादन, फल एवं खाद्य प्रसंस्करण, मोमबत्ती, धूपबत्ती निर्माण, बैग निर्माण, पहाड़ी उत्पादों की ग्रेडिंग, दिये निर्माण जैसे लघु उद्यम एवं व्यवसाय स्थापित कर रहे हैं। इसके अलावा, राज्य सरकार के महत्वपूर्ण लक्ष्य ‘लखपति दीदी’ की पूर्ति में भी एनआरएलएम विकासखंड स्तरीय टीम का महत्वपूर्ण योगदान है।
कर्मचारियों ने मंत्री को यह भी अवगत कराया कि भारत सरकार द्वारा मॉडल एचआर मैन्युअल तैयार किया जा रहा है, जिसे सभी राज्यों में एकरूपता लाने के लिए लागू किया जाएगा। उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया कि जैसे ही मॉडल एचआर मैन्युअल राज्य को प्राप्त हो, वैसे ही इसे राज्य में भी लागू किए जाने हेतु संबंधित को निर्देशित करें।
मंत्री गणेश जोशी ने कर्मचारियों की समस्याओं को ध्यान से सुना और उनके कार्यों की सराहना की। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे इन समस्याओं के समाधान के लिए शीघ्र कार्यवाही करेंगे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मेहनत और समर्पण से ही ग्रामीण क्षेत्रों में विकास और समृद्धि आ सकती है, और सरकार इस दिशा में हर संभव कदम उठाएगी।
ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आजीविका मिशन के कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार कर्मचारियों के हितों की रक्षा करने और उनके कार्य के मान्यता देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द कर्मचारियों की मांगों पर कार्रवाई करें और उनकी समस्याओं का समाधान करें।
इस मुलाकात से कर्मचारियों को यह विश्वास हुआ कि उनके मुद्दों को गंभीरता से लिया जाएगा और उनके हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। यह बैठक न केवल कर्मचारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी, बल्कि उन्हें यह भरोसा भी मिला कि उनकी आवाज सुनी जा रही है और उनके हितों की रक्षा की जा रही है।
इस प्रकार, ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी की इस पहल से यह स्पष्ट हुआ कि सरकार ग्रामीण विकास के प्रति गंभीर है और वह अपने कर्मचारियों के हितों को सर्वोपरि मानती है। मंत्री द्वारा दिए गए सकारात्मक आश्वासन और शीघ्र कार्यवाही के वादे से कर्मचारियों में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है, जिससे वे अपने कार्यों में और अधिक समर्पण और लगन के साथ जुट सकेंगे।