उत्तराखंड

देश में लाखों की ठगी करने वाला नाईजीरियन मास्टरमाईंड गिरफ्तार

 

देश  में साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं के बीच, उत्तराखंड पुलिस के विशेष टास्क फोर्स (एसटीएफ) और साइबर क्राइम टीम ने एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है। साइबर अपराधियों द्वारा भोली-भाली जनता को ठगने के नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, जिससे आम लोगों की मेहनत की कमाई हड़प ली जाती है। ऐसे ही एक मामले में, उत्तराखंड की साइबर क्राइम पुलिस ने एक नाईजीरियन मास्टरमाईंड को दिल्ली से गिरफ्तार किया है, जिसने लाखों रुपये की ठगी की थी।

 

 

 

साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, उत्तराखंड को कुछ दिन पहले देहरादून निवासी एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी। महिला ने बताया कि अज्ञात साइबर ठगों ने उनसे फेसबुक और व्हाट्सअप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से संपर्क किया। ठगों ने स्वयं को Dr. William Ryker, जो कि USA में एक Gynaecologist डॉक्टर है, बताकर महिला को विदेश से 25 हजार अमेरिकी डॉलर, गिफ्ट आइटम्स, लेडिज सामान, ब्रैसलेट ज्वैलरी, मोबाइल फोन, वॉच, पर्स और कई अन्य कीमती सामान भेजने का लालच दिया। इसके बाद, ठगों ने कस्टम डिपार्टमेंट दिल्ली से पार्सल आने का झांसा देकर महिला से विभिन्न कर और टैक्स के नाम पर कुल 13,61,700 रुपये विभिन्न बैंक खातों में स्थानांतरित करवा लिए।

 

 

 

इस गंभीर घटना के बाद, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन ने महिला की शिकायत के आधार पर मु0अ0सं0 24/2024 धारा 420, 120 बी भादवि और 66(डी) आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, श्री आयुष अग्रवाल द्वारा घटना के अनावरण के लिए पुलिस उपाधीक्षक श्री अंकुश मिश्रा के नेतृत्व में एक टीम गठित की गई। इस टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए घटना में प्रयुक्त मोबाइल नंबर और संबंधित खातों की जानकारी का तकनीकी विश्लेषण किया। इस विश्लेषण के आधार पर अपराधियों का संबंध दिल्ली से पाया गया।

 

 

 

पुलिस टीम ने अथक मेहनत और प्रयास से साक्ष्य एकत्रित कर, अभियोग में संलिप्त विदेशी (नाईजीरियन) अभियुक्त को मोहन गार्डन, दिल्ली से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान अभियुक्त के कब्जे से 04 मोबाइल फोन, 01 लैपटॉप मय बैग और चार्जर, तथा 02 पासपोर्ट बरामद किए गए।

 

 

 

पूछताछ में अभियुक्त ने बताया कि वे Gynaecologist डॉक्टर बनकर भोले-भाले लोगों से सोशल मीडिया के माध्यम से दोस्ती करते थे और विश्वास में लेकर उनके लिए विदेशी मुद्रा और गिफ्ट भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करते थे। वे स्वयं को विदेशी नागरिक बताकर, विदेश से धनराशि और गिफ्ट्स भेजने का झांसा देकर विभिन्न एकाउंट्स में धनराशि जमा कराते थे। इसके बाद, उक्त विदेशी मुद्रा और गिफ्ट्स में विभिन्न टैक्स और कर के नाम पर धोखाधड़ी की जाती थी।

 

 

 

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखण्ड, श्री आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोकलुभावने अवसरों, फर्जी साइट्स, धनराशि दोगुनी करने, और विदेश से गिफ्ट प्राप्त करने वाले अनजान अवसरों के प्रलोभन में न आएं। किसी भी प्रकार की ऑनलाइन कंपनी की फ्रैंचाइजी लेने, यात्रा टिकट आदि बुक कराने से पहले संबंधित साइट का स्थानीय बैंक या संबंधित कंपनी से पूर्ण वैरीफिकेशन और जांच-पड़ताल अवश्य कर लें। इसके अलावा, गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नंबर को सर्च न करें और शक होने पर तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें। वित्तीय साइबर अपराध घटित होने पर तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें।

 

इसके अतिरिक्त, गिरफ्तारी के साथ-साथ साइबर पुलिस द्वारा जन जागरुकता हेतु अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत हैलीसेवा वीडियो साइबर पेज पर प्रेषित किया गया है। इसको अब तक कई लोगों द्वारा देखा और शेयर किया जा चुका है।

 

इस तरह की घटनाएं इस बात की गवाह हैं कि साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। पुलिस की तत्परता और कुशलता से इस तरह के मामलों का अनावरण हो रहा है और अपराधियों को पकड़ने में सफलता मिल रही है। जनता को भी सतर्क रहकर ऐसे धोखेबाजों से बचना चाहिए और किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को देनी चाहिए।

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