Friday, November 22, 2024
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उत्तराखंड

बिनसर सेंचुरी में जंगल की आग का कहर: चार वनकर्मियों की दर्दनाक मौत

 

अल्मोड़ा जिले की बिनसर सेंचुरी में जंगल की आग ने भयानक रूप धारण कर लिया, जिसमें चार वनकर्मियों की जान चली गई। इस हादसे में फारेस्ट गार्ड समेत चार वनकर्मियों की मौत हो गई और चार अन्य लोग गंभीर रूप से झुलस गए। यह दुर्घटना तब हुई जब वनकर्मी जंगल में लगी आग को बुझाने का प्रयास कर रहे थे।

 

बिनसर सेंचुरी में अचानक लगी आग ने विकराल रूप ले लिया। आग बुझाने के प्रयास में जुटे वन विभाग के चार कर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी। मृतकों में एक फारेस्ट गार्ड, एक पीआरडी जवान और दो फायर वाचर शामिल हैं। यह घटना वन विभाग के लिए एक बड़ी क्षति है और जंगल की आग को नियंत्रित करने में होने वाली कठिनाइयों को उजागर करती है।

 

हादसे में झुलसे चार अन्य लोगों को तुरंत बेस अस्पताल लाया गया, जहां पर उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के अनुसार, झुलसे हुए लोगों में से एक व्यक्ति 80% तक जल चुका है, जबकि बाकी तीन लोग 45% तक झुलसे हैं। गंभीर रूप से झुलसे इन लोगों की स्थिति अत्यंत नाजुक बनी हुई है और उन्हें गहन चिकित्सा की आवश्यकता है।

 

अल्मोड़ा के डीएफओ सिविल सोयम प्रभाग ध्रुव मर्तोलिया ने इस घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि वन विभाग का एक बोलेरो वाहन भी आग की चपेट में आकर पूरी तरह जल गया। उन्होंने इस हादसे को बेहद दुखद बताया और कहा कि वन विभाग इस संकट से निपटने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।

 

जंगल में आग लगने की घटनाएँ हर साल सामने आती हैं, लेकिन इस बार आग की तीव्रता और इसके प्रभाव ने सभी को चौंका दिया है। आग बुझाने के दौरान वनकर्मियों को भारी जोखिम उठाना पड़ता है, और इस बार की घटना ने यह साबित कर दिया कि यह काम कितना खतरनाक हो सकता है। आग बुझाने के लिए आधुनिक उपकरणों और तकनीकों की कमी भी एक बड़ी समस्या है, जिससे वनकर्मियों को अधिक जोखिम उठाना पड़ता है।

 

इस आग ने न केवल मानव जीवन को प्रभावित किया है बल्कि बिनसर सेंचुरी के वन्यजीवों पर भी गहरा असर डाला है। इस घटना से सेंचुरी के वन्यजीवों के प्राकृतिक आवास को भारी नुकसान पहुंचा है। वन्यजीवों के संरक्षण के लिए यह एक बड़ी चुनौती है और इस दिशा में त्वरित कदम उठाने की आवश्यकता है।

 

बिनसर सेंचुरी में हुई इस दर्दनाक घटना ने वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि जंगल की आग न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि मानव जीवन के लिए भी कितनी घातक हो सकती है। इसे देखते हुए जंगलों में आग से निपटने के लिए बेहतर योजनाओं और उपकरणों की आवश्यकता है। वन विभाग को इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे और वनकर्मियों की सुरक्षा के लिए अधिक प्रबंध करने होंगे।

 

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