उत्तराखंड

मलिन बस्तियों के सुधार हेतु मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी के निर्देश

 

राज्य की नगर निकायों में स्थित मलिन बस्तियों के चिन्हीकरण के बाद उनके सुधार, पुनरुद्धार और पुनर्वासन के कार्य को प्राथमिकता देते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर सूचीबद्ध रिपोर्ट शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं। यह निर्देश राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक के दौरान दिए गए, जिसकी अध्यक्षता स्वयं मुख्य सचिव ने की।

 

 

मुख्य सचिव ने जोर देकर कहा कि मलिन बस्तियों के सुधार और पुनर्वासन के कार्य में अत्यन्त संवेदनशीलता और मानवीयता का पालन आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मलिन बस्तियों के विनियमितीकरण, पुनरुद्धार, पुनर्वासन और पुनर्व्यस्थापन के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाए। इसके तहत, उन्होंने शहरी विकास विभाग और आवास विभाग की एक संयुक्त बैठक आयोजित करने का भी निर्देश दिया है।

 

 

मुख्य सचिव ने मलिन बस्तियों के लिए प्राधिकरण के माध्यम से कॉर्पस फण्ड के निर्माण के निर्देश भी दिए हैं। यह फण्ड मलिन बस्तियों के विकास और सुधार कार्यों के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मलिन बस्तियों में रहने वाले नागरिकों को भी सम्मानजनक जीवन जीने के सभी अवसर मिलें।

 

 

 

बैठक के दौरान, श्रीमती रतूड़ी ने शहरी विकास विभाग को सफाई कर्मियों के लिए पर्याप्त आवास और बीमा की व्यवस्था हेतु कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। यह निर्णय सफाई कर्मियों के जीवन स्तर को सुधारने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया गया है।

 

 

 

बैठक में दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य की विभिन्न जनपदों में निम्नलिखित मलिन बस्तियों को चिन्हित किया गया है:

– बागेश्वर: श्रेणी एक की 04 और श्रेणी दो की 02 मलिन बस्तियां।

– हरिद्वार: श्रेणी एक की 57, श्रेणी दो की 02 और श्रेणी तीन की 24 मलिन बस्तियां।

– नैनीताल: श्रेणी एक की 37, श्रेणी दो की 01 और श्रेणी तीन की 23 मलिन बस्तियां।

– अल्मोड़ा: श्रेणी एक की 04 मलिन बस्तियां।

– देहरादून: कुल 128 मलिन बस्तियां।

 

 

 

इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रमुख सचिव श्री रमेश कुमार सुधांशु सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। इसके अलावा, सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक में सम्मिलित हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य मलिन बस्तियों के सुधार और पुनर्वासन के लिए ठोस और कारगर योजनाएं बनाना था।

 

 

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी द्वारा दिए गए निर्देश राज्य में मलिन बस्तियों के विकास और सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इन निर्देशों के माध्यम से राज्य सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि मलिन बस्तियों में रहने वाले नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से लिया जाएगा और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। संवेदनशीलता और मानवीयता के साथ कार्य करने के निर्देश से यह सुनिश्चित होगा कि सुधार कार्यों के दौरान नागरिकों की गरिमा और अधिकारों का पूरा सम्मान हो।

 

इन प्रयासों से राज्य की मलिन बस्तियों का सुधार, पुनरुद्धार और पुनर्वासन त्वरित और प्रभावी ढंग से हो सकेगा, जिससे इन क्षेत्रों के निवासियों को बेहतर जीवन यापन के अवसर मिल सकेंगे।

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