लालतप्पड़ चौकी क्षेत्र में महिला की हत्या पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने की कड़ी कार्रवाई के निर्देश
उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने देर रात कोतवाली डोईवाला के लालतप्पड़ पुलिस चौकी क्षेत्र में एक महिला की गला दबाकर हत्या के मामले का स्वतः संज्ञान लिया। उन्होंने एसओ डोईवाला से फोन पर बातचीत कर मामले की जानकारी प्राप्त की और पुलिस की कार्यवाही का जायजा लिया।
लालतप्पड़ निवासी कुलदीप कौर (54), पत्नी हरजीत सिंह, अपने आंगन में सो रही थीं। इसी दौरान तीन अज्ञात व्यक्ति उनके आंगन में आ धमके। इनमें से दो व्यक्तियों ने कुलदीप कौर के पैर पकड़े और एक व्यक्ति ने उनका गला दबा दिया। इस अप्रत्याशित हमले के दौरान, कुलदीप कौर की नातिन सिमरन, जो उनके बगल में सो रही थी, अचानक जाग गई। सिमरन ने अपनी मामा जगदेव (कुलदीप कौर के पुत्र) को बुलाने के लिए कमरे की ओर दौड़ लगाई, लेकिन जब तक जगदेव और अन्य लोग पहुंचते, तीनों आरोपी भाग निकले।
एसओ डोईवाला ने जानकारी दी कि इस मामले में एक नामजद और दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। प्राथमिक जांच में पता चला है कि एक आरोपी मृतका के बेटे की वर्कशॉप में काम करता था। पुलिस ने तेजी से कार्यवाही करते हुए नामजद आरोपी को पकड़ने के प्रयास शुरू कर दिए हैं और अन्य दो अज्ञात व्यक्तियों की तलाश जारी है।
महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए तुरंत पुलिस से संपर्क साधा और मामले की त्वरित जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
इस घटना ने लालतप्पड़ क्षेत्र में सनसनी फैला दी है। स्थानीय लोग और मृतका का परिवार सदमे में हैं। कुलदीप कौर के परिजन और पड़ोसी इस अमानवीय घटना से अत्यधिक दुखी और क्रोधित हैं। उन्होंने पुलिस से दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और सख्त सजा देने की मांग की है।
इस घटना ने एक बार फिर से क्षेत्र में सुरक्षा की स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों ने पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाने और रात के समय चौकसी कड़ी करने की मांग की है।
लालतप्पड़ में हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने एक बार फिर से समाज में महिलाओं की सुरक्षा पर चिंता बढ़ा दी है। महिला आयोग और पुलिस की तत्परता सराहनीय है, लेकिन यह घटना यह भी याद दिलाती है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयास और सजगता की आवश्यकता है। समाज को मिलकर अपराध के खिलाफ एकजुट होना होगा और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाने होंगे।