उत्तराखंड

चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए लगातार किये जा रहे हैं प्रयास

 

चारधाम यात्रा उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस वर्ष चारधाम यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा किए गए व्यवस्थाओं और प्रयासों की जानकारी देते हुए आयुक्त गढ़वाल श्री विनय शंकर पाण्डेय ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस ब्रीफिंग की। इस दौरान उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा की नियमित समीक्षा की जा रही है। यात्रा को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

 

आयुक्त गढ़वाल ने बताया कि 10 मई 2024 को श्री केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तथा 12 मई को श्री बदरीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गये थे। इसके बाद से 23 मई 2024 तक चारों धामों में कुल 09 लाख 67 हजार 302 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें यमुनोत्री धाम में 01 लाख 79 हजार 932, गंगोत्री धाम में 01 लाख 66 हजार 191, श्री केदारनाथ में 04 लाख 24 हजार 242 और बदरीनाथ धाम में 01 लाख 96 हजार 937 श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। यह आंकड़ा पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह में कोई कमी नहीं है।

 

यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनडीआरएफ और आईटीबीपी की सहायता ली जा रही है। ट्रैफिक जाम की समस्या को हल करने और भीड़ प्रबंधन के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, ठहराव वाले स्थानों पर विशेष सेक्टर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है जो सफाई व्यवस्था की हर दो घंटे में रिपोर्ट भेजेंगे।

 

अभी तक चारधाम यात्रा के दौरान 52 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है, जिसमें अधिकांश लोग 60 वर्ष से अधिक के हैं और ज्यादातर की मृत्यु हृदयघात के कारण हुई है। गंगोत्री में 03, यमुनोत्री में 12, बदरीनाथ में 14 और केदारनाथ में 23 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है। श्रद्धालुओं की नियमित स्वास्थ्य जांच की जा रही है और चिकित्सकों द्वारा चिकित्सा उपचार और देखभाल के बाद कई श्रद्धालुओं को यात्रा न करने की सलाह दी जा रही है।

 

यात्रा को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन ने कई सख्त कदम उठाए हैं। बिना रजिस्ट्रेशन और रजिस्ट्रेशन की तय तिथि से पहले यात्रा पर रोक लगाने के लिए कड़े निर्देश दिए गए हैं। फेक रजिस्ट्रेशन के मामलों को गंभीरता से लेते हुए विभिन्न टूर ऑपरेटर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं। ऋषिकेश में तीन, हरिद्वार में एक और रूद्रप्रयाग में नौ एफआईआर दर्ज की गई हैं।

 

इसके अतिरिक्त, यात्रा के दौरान आने वाली किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। श्री केदारनाथ जाते समय एक हेलीकॉप्टर के हाइड्रोलिक सिस्टम में तकनीकी समस्या आई थी, लेकिन पायलट की सूझबूझ से उसकी सॉफ्ट लैंडिंग हुई और सभी यात्री सुरक्षित रहे। इस प्रकरण की पूरी रिपोर्ट डीजीसीए को भेजी गई है और युकाडा की ओर से अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।

 

चारधाम यात्रा उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान रखती है। तीर्थाटन और पर्यटन से प्रदेश की आर्थिकी को मजबूती मिलती है। यात्रा के दौरान किए गए व्यवस्थाओं और प्रयासों से स्पष्ट होता है कि प्रशासन श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए निरंतर सुधार और विकास के प्रयास कर रहा है।

 

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में किए जा रहे इन प्रयासों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि श्रद्धालु बिना किसी कठिनाई और असुविधा के यात्रा कर सकें और देवभूमि के चारों धामों का दर्शन कर सकें। प्रशासन की प्रतिबद्धता और कार्यप्रणाली के चलते उम्मीद है कि आने वाले समय में चारधाम यात्रा और भी अधिक सफल और सुरक्षित होगी।

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