उत्तराखंड में जंगलों में आग का तांडव, स्कूल भवन भी जलकर राख , पिछले 24 घंटों में 6 नई घटनाएं, 3.85 हेक्टेयर जंगल जलकर खाक
ग्राम प्रधान त्रिलोक थापा ने बताया कि कोरोना काल में विद्यालय बंद हो गया था। वनाग्नि से स्कूल भवन की छत जलकर राख हो गई है। जंगलों में आग से लगातार टेंशन बढ़ रही है। ग्रामीण भी दहशत में हैं।उत्तराखंड में इन दिनों गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक जगह- जगह जंगलों में आग लगी हुई है। पिथौरागढ़ के थल में जंगल की आग से बंद पड़ा स्कूल भवन जल गया है। बेरीनाग, गंगोलीहाट, चौसाला और बागेश्वर के रैखोली और फल्टनियां के जंगल भी आग से धधक रहे हैं।
वहीं कोटद्वार भाबर के गुलरझाला वन बीट और श्रीनगर के जंगलों में आग लगी है।कोटद्वार में जंगल की आग बुझाने में जुटी तीन टीमें कोटद्वार। लैंसडौन वन प्रभाग के अंतर्गत कोटद्वार रेंज की गुलरझाला बीट में पिछले कुछ दिन से जंगल जल रहे हैं। इससे करोड़ों की वन संपदा को नुकसान हो रहा है। हालांकि, वन महकमे की तीन टीम इस भीषण आग पर काबू पाने के प्रयास कर रही है, और काफी हद तक आग बुझाई भी जा चुकी है।पिछले कुछ दिनों से जंगलों में आग लगने की घटनाएं अचानक बढ़ गयी हैं। जिससे आमजन को घुटन सी महसूस हो रही है। जंगल की आग से जहां तापमान में बढ़ोतरी हो गई।
पिथौरागढ़ जिले के जंगलों में लग रही आग थमने का नाम नहीं ले रही है। जिला मुख्यालय से लेकर बेरीनाग, झूलाघाट, गंगोलीहाट में आग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। हालात यह है कि जंगल की आग बंद हो चुके सरकारी स्कूल तक को अपने आगोश में ले चुकी है।
थल के नापड़ नैनीथल स्थित जंगल में बीती रात एकाएक आग लग गई। आग की चपेट में नैनीथल प्राथमिक विद्यालय का भवन भी आ गया। ग्राम प्रधान त्रिलोक थापा ने बताया कि कोरोना काल में विद्यालय बंद हो गया था। वनाग्नि से स्कूल भवन की छत जलकर राख हो गई है। इधर चौसाला गांव में जंगल की आग फैलकर प्रेम सिंह, दीवान सिंह और बहादुर सिंह के आंगन तक पहुंच गई।श्रीनगर नैथाणा के जंगलों में लगी आग
श्रीनगर। विकासखंड कीर्तिनगर के नैथाणा के जंगलों में भीषण आग लग गयी। जिससे जंगल का अधिकांश भाग जल कर राख हो गया। नरेंद्रनगर वन प्रभाग के वन क्षेत्राधिकारी बुद्धि प्रकाश ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलने पर टीम गई है।
उत्तराखंड में पिछले 24 घंटों में आग की छह घटनाएं दर्ज गढ़वाल व कुमाऊं के जंगलों में पिछले 24 घंटों में आग की छह नई घटनाएं दर्ज की गईं। इन घटनाओं में 3.85 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुए हैं। जबकि 5950 रुपये की वन संपदा जलकर खाक हुई है।