देश से बाहर भागना चाह रहे थे आतंकी, रामेश्वरम कैफे ब्लास्ट का विदेशी लिंक तलाशने में जुटी NIA
बेंगलुरु की विशेष एनआईए अदालत ने रामेश्वरम कैफे बम विस्फोट मामले में संदिग्ध हमलावर मुसाविर हुसैन शाजिब और मास्टरमाइंड अब्दुल मथीन ताहा को 10 दिन की एनआईए की हिरासत में भेज दिया है। एनआईए ने शनिवार को मुसाविर हुसैन शाजिब और उसके साथी अब्दुल मथीन ताहा को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। रिमांड मिलने के बाद एनआईए दोनों को अज्ञात स्थान पर ले गई। संदिग्ध आतंकवादियों की गिरफ्तारी जांच एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता है। इनका संबंध अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से है और उन्होंने देश के भीतर बम तैयार किए और स्थानीय युवाओं की मदद से विस्फोट किए। सूत्रों ने कहा कि एनआईए ने भारत में आतंकवादियों का एक नेटवर्क खड़ा करने की आईएसआईएस की योजना को विफल कर दिया है। मास्टरमाइंड ताहा एक इंजीनियरिंग स्नातक है। इसने इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस विकसित किए। उसका इरादा ज्यादा से ज्यादा लोगों को मारने का था। उसने 1 मार्च को बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में विस्फोट किया जिसमें कई लोग घायल हो गए थे।
एनआईए ने क्या बताया
एनआईए ने कहा कि दोनों अपने सह-आरोपी माज़ मुनीर अहमद के साथ पहले आतंकी मामलों में शामिल थे। एनआईए ने 3 मार्च को बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट की जांच अपने हाथ में ली थी। उसने माज़ मुनीर अहमद और मुज़्ज़मिल शेरिफ के साथ इन दोनों आरोपियों की पहचान उन व्यक्तियों के रूप में की थी, जिन्होंने 1 मार्च को हुए विस्फोट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
एनआईए ने कहा कि मुज्जमिल शेरिफ आईईडी विस्फोट को अंजाम देने में अन्य दो आरोपियों को साजो-सामान की मदद मुहैया करने में शामिल था। विभिन्न अन्य केंद्रीय एजेंसियों और कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के पुलिस विभागों के साथ समन्वय में काम करने के बाद एजेंसी ने आखिरकार शुक्रवार को दोनों को कोलकाता में ढूंढ लिया। आतंकवादी फर्जी पहचान के तहत कोलकाता के पास एक होटल में रह रहे थे, एनआईए ने पश्चिम बंगाल पुलिस से सहायता के लिए बुलाया और दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी हुई।