उत्तराखंड

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने 16 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात कमल सिंह भाकुनी के शहीद होने पर शोक संवेदना की प्रकट

भारतीय सेना के शौर्य स्तम्भों में से एक नाम है, कमल सिंह भाकुनी, जिन्होंने अपने जीवन की आहुति देकर देश की रक्षा में अपना पूरा कर्तव्य निभाया। मणिपुर में नक्सली हमले में उनकी वीरता ने हर भारतीय का मस्तक गर्व से ऊंचा किया।

कमल सिंह भाकुनी 16 कुमाऊं रेजीमेंट में तैनात थे। उनका निवास अल्मोड़ा, उत्तराखंड में था। उनके वीरता और साहस की कहानी एक बेहद प्रेरणादायक मिसाल है, जो हमें दिखाती है कि किसी भी समय देश की सेवा करने का महत्व कितना है।

मणिपुर में नक्सली गुटों के साथ हुए झड़प में कमल सिंह भाकुनी ने अपने प्राणों की आहुति देते हुए देश की सीमा की रक्षा की। उनकी शहादत ने देशवासियों को एक बार फिर याद दिलाया कि देश की सुरक्षा के लिए हमारे सैनिक हमेशा तैयार हैं।

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने उनकी शहादत पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि कमल सिंह भाकुनी जैसे वीर सपूतों के त्याग और बलिदान को देश कभी नहीं भूल सकता।

कमल सिंह भाकुनी की शहादत से हमें एक बार फिर समझ में आता है कि हमारे सैनिक देश की सीमाओं पर अपने प्राणों की आहुति देने के लिए हमेशा तैयार हैं। उनके बलिदान को याद करते हुए हमें अपने देश की सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लेना चाहिए।

भारतीय सेना के वीर सपूत कमल सिंह भाकुनी को हमारा श्रद्धांजलि! उनका बलिदान हमेशा हमारे दिलों में जिएगा। उनके परिवार के प्रति हमारा दिल से साथ। उनके प्रेरणादायक जीवन को याद करते हुए हमें भी अपने देश के लिए समर्पित रहना चाहिए।

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