Uttarakhand Cabinet Meeting Today : धामी कैबिनेट की बैठक खत्म, ये हुए महत्वपूर्ण फैसले
पहले प्रस्ताव में, वित्त विभाग ने सहायक लेखाधिकारियों के पदों पर पदोन्नति होने वाले अधिकारियों के लिए नियमावली में बदलाव की घोषणा की है। यह बदलाव विभिन्न स्तरों पर सरकारी लेखाधिकारियों को नई जिम्मेदारियों और सुविधाओं के साथ सम्मानित करने का प्रयास है।
समाज कल्याण विभाग में भी कुछ महत्वपूर्ण फैसले किए गए हैं, जैसा कि केंद्र सरकार द्वारा एससी के छात्रों को दी जाने वाली दशमोत्तर छात्रवृति को राज्य सरकार ने एडॉप्ट किया है। इससे अधिक समर्थ छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए सामर्थ्य मिलेगा और समाज में उनकी स्थिति में सुधार होगा।
समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत अनुसूचित जाति दशमोत्तर समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा संचालित अनुसूचित जाति दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की नवीन गाईड लाईन के अनुसार अनुसूचित जाति के छात्रों हेतु नवीन छात्रवृत्ति (डेस्कॉलर एवं हास्टॅलर) दर परिवर्तित किये जाने के उद्देश्य से शासनादेश संख्या-1711/XVII-2/16-18(OBC)/ 2016, दिनांक 11 जनवरी, 2017 में उल्लिखित दरों में क्रमशः ग्रुप-ए (स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर के व्यावसायिक पाठ्यक्रम) में हॉस्टलर हेतु रू0 13,500/- तथा डे-स्कॉलर हेतु रू0 7,000/- तथा ग्रुप-बी (डिग्री, डिप्लोमा, सर्टिफिकेट के लिए अन्य व्यावसायिक पाठय्क्रम) में हॉस्टलर हेतु रू0 9,500/- तथा डे-स्कॉलर हेतु रू0 6,500/- तथा ग्रुप-सी (अन्य समस्त स्नातक और स्नातकोत्तर पाठयक्रम जो ग्रुप-। एवं ग्रुप-॥ के अन्तर्गत शामिल नहीं है) में हॉस्टलर हेतु रू0 6,000/- तथा डेस्कॉलर हेतु रू० 3,000/- एवं ग्रुप-डी (सभी पोस्ट-मैट्रिकुलेशन (दसवीं कक्षा के बाद) गैर-डिग्री पाठ्यक्रम) में हॉस्टलर हेतु रू० 4,000/- तथा डे-स्कॉलर हेतु रू0 2,500/- की दर से वृद्धि किये जाने का निर्णय लिया गया है।
उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट के प्रस्ताव पर कैबिनेट ने भी मुहर लगाई है। इससे सरकार को विभिन्न क्षेत्रों में हो रही संपत्ति क्षति से निपटने के लिए अधिक शक्ति मिलेगी और न्यायपूर्ण प्रक्रिया को मजबूती से लागू किया जा सकेगा।
एनआईटी सुमाड़ी श्रीनगर को मिली भूमि पर भी कैबिनेट ने मुहर लगाई है। यह निर्णय तकनीकी उन्नति और नए परियोजनाओं के लिए एक अच्छी शुरुआत को दर्शाता है जो राज्य को आर्थिक और तकनीकी दृष्टि से मजबूत बनाएगा।
आवास नियमावली में किए गए संशोधन से भी उत्तराखंड के नागरिकों को बहुत अधिक लाभ होगा। अब 6 लाख की राशि को 9 चरणों में देने से लोगों को अधिक सुविधा होगी और आवास क्षेत्र में और भी अच्छे बदलाव होंगे।